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अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र

नई दिल्ली हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बाद अब पहली बार टाटा समूह जर्मनी के सहयोग से  भारत में सैन्य विमान का विकास और निर्माण करेगा। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय निजी संस्था पूर्ण सैन्य-श्रेणी का विमान बनाने की कोशिश कर रही है। अब तक भारत में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ही विमानों का निर्माण करती आ रही है। जर्मन जेट को विकसित करने में चीन के साथ हालिया तनाव के बाद चीन सीमा की निगरानी को देखते हुए आवश्यकताओं पर ध्यान दिया गया है।

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अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र

अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र: टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) बेंगलुरु के आगामी एयरो इंडिया में विमान की क्षमताओं का प्रदर्शन करेगा। हालांकि जर्मन कंपनी ग्रोब एयरक्राफ्ट ने डिजाइन का विवरण साझा नहीं किया है लेकिन यह विमान जर्मन-जी 180 एसपीएन पर आधारित होने की संभावना है। ग्रोब एयरक्राफ्ट एक जर्मन विमान निर्माता है, जिसे ग्लाइडर और सामान्य विमानन में विशेषज्ञता हासिल है। इन जर्मन जेट का वित्तीय मतभेदों के कारण उत्पादन शुरू नहीं हो पाया है। हालांकि टीएएसएल को अभी तक भारत में विमान के लिए कोई पुख्ता आदेश नहीं मिला है, लेकिन शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह निवेश किया गया है। भविष्य में विमानों के निर्माण के लिए एक विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र: कंपनी के सूत्रों का कहना है कि यह जर्मन जेट उच्च-ऊंचाई, जुड़वां इंजन वाला, सिग्नल इंटेलिजेंस से लेकर सीमा पार निगरानी तक कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम है। मौजूदा समय में इस विमान का जर्मनी में अंतिम परीक्षण किया जा रहा है और अगले तीन महीनों में इसके भारत आने की संभावना है। यह विमान 45 हजार फीट की अधिकतम ऊंचाई के साथ 41 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए बनाया गया है। इसका इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने, निगरानी और टोही के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जा सकता है। इसे घास और बजरी युक्त जमीन पर उतारने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लो-विंग, ट्विन-इंजन कम्पोजिट एयरक्राफ्ट में 1800 नॉटिकल मील की रेंज और 1,000 किलोग्राम से अधिक पेलोड क्षमता के साथ 6-7 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है।

अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र: टीएएसएल के एमडी सुकरन सिंह ने कहा कि अब हम विशेष पेलोड को फिट करने के लिए विमान को संशोधित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं ताकि यह निगरानी क्षमताओं का प्रदर्शन कर सके। भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं देशभर में कई पर्वत श्रृंखलाओं के साथ फैली हैं, इसलिए इस तरह की जरूरतों को पूरा करने वाले विमानों के लिए भारत को अभी विदेशी कंपनियों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जर्मनी से ऐसी प्रौद्योगिकी मिलने पर भारत को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा क्योंकि टीएएसएल देश में ही किसी भी पेलोड को संशोधित करने और फिट करने में सक्षम होगा। टीएएसएल इस विमान तकनीक को लाने के साथ ही भारत में अत्याधुनिक एयर-बॉर्न निगरानी प्लेटफॉर्म भी बनाएगा जिससे सॉफ्टवेयर, नियंत्रण और साथ ही रखरखाव देश के भीतर ही हो सकेगा।

अब टाटा कंपनी भी बनाएगी भारत में सैन्य विमान, स्थापित करेगी अपना संयंत्र: रक्षा मंत्रालय ने 2021 के एजेंडे में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत यूरोपियन कंपनी एयरबस से 56 मीडियम लिफ्ट मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 परिवहन विमान की खरीद को सूचीबद्ध किया है। भारत सरकार ने इस परियोजना को 13 मई, 2015 को मंजूरी दी थी। परियोजना के तहत 16 पूर्ण विमान यूरोपियन कंपनी एयरबस से आयात किए जाएंगे, जबकि 40 एयरक्राफ्ट भारत में टाटा कंपनी बनाएगी। टीएएसएल ने स्विट्जरलैंड की कंपनी पिलाटस से एकल इंजन वाले पिलाटस पीसी-12 के ढांचा निर्माण करने का समझौता किया है। यह टर्बोप्रॉप यात्री और मालवाहक विमान है, जिसे 1991 के बाद से पलांटस एयरक्राफ्ट ऑफ स्टान्स, स्विट्जरलैंड द्वारा निर्मित किया जा रहा है।