किसानों के साथ बैठक से पहले सरकार ने बनाई नई रणनीति, किसानों ने भी कसी कमर

कृषि कानूनों के खिलाफ बीते करीब एक सप्ताह से चल रहे किसानों आंदोलन को ख़त्म करने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं। इसी कोशिशों के तहत गुरूवार को दोनों के बीच में एक बैठक होनी है। दोनों मोर्चों पर इस बैठक के लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। एक तरफ जहां किसान मोर्चा ने अपनी मांगों की फेहरिस्त सरकार को थमा दी है। वहीं, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर इस बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे।

किसानों और सरकार के बीच कुछ ही देर में होगी बैठक

मिली जानकारी के अनुसार, आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच होने वाली बैठक से पहले नरेन्द्र सिंह तोमर अमित शाह से मिलने पहुंचे। किसान आंदोलन को लेकर इस बैठक में दोनों के बीच हुई चर्चा में क्या निष्कर्ष निकला इस बात का पता तो नहीं चल सका है, लेकिन यह जरूर बताया जा रहा है, बैठक के दौरान किसान आंदोलन पर विस्तृत बातचीत हुई। सवा घंटे तक चली इस बैठक में तोमर और अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।

उधर इस बैठक से पहले किसानों संगठनों ने भी आपस में बैठक की और आगे की रणनीति तैयार की। सिंघु बॉर्डर पर 30 से ज्यादा किसान संगठनों के बीच हुई इस बैठक के बाद अब किसानों को सरकार के प्रस्ताव का इंतजार है। सरकार ने इसके पहले जो प्रस्ताव किसानों के सामने पेश किया था, उसे ठुकराया जा चुका है।

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इसके साथ ही सरकार और किसानों के बीच कुछ ही समय बाद होने वाली इस बैठक से पहले किसानों ने सरकार को अपनी मांगों की एक फेहरिस्त भेज दी है। इस फेहरिस्त में किसानों ने अपनी सात मांगों का जिक्र किया है। किसानों द्वारा सरकार से की गई मांगे निम्नलिखित हैं-

  • तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं।
  • वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो।
  • बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है।
  • MSP पर लिखित में भरोसा दे।
  • कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज।
  • किसानों ने कभी ऐसे बिल की मांग की ही नहीं, तो फिर क्यों लाए गए। ये सिर्फ कारोबारियों का फायदा है।
  • डीजल की कीमत को आधा किया जाए।