एनसीबी ने पाकिस्तान के नापाक इरादों पर फेरा पानी, बड़े तस्कर नेटवर्क का हुआ खुलासा

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जोधपुर की टीम ने सीमा पार पाकिस्तान से आई हेरोइन की अब तक की सबसे बड़ी खेप के मामले में मुख्य आरोपित जसवीर सिंह उर्फ मोमी को गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर से गिरफ्तार किया है। पंद्रह दिन तक लगातार पीछा करने के बाद टीम को जसबीर सिंह उर्फ मोमी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। इस मामले में अब तक छह आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बीएसएफ के राजस्थान फ्रंटियर मुख्यालय के अधीन आने वाले बीकानेर सेक्टर में 3 जून को करीब 300 करोड़ रुपये कीमत की 56 किलो 600 ग्राम हेरोइन पकड़ी थी। जोधपुर एनसीबी के जोनल डायरेक्टर उगमदान चारण ने बताया कि बीकानेर सेक्टर में मिली हेरोइन के मामले में एनसीबी में परिवाद दर्ज किया था। मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के बाद यह सामने आया कि लाहौर का कुख्यात तस्कर मलिक चौधरी इस तस्करी से जुड़ा हुआ था, उसने ही यह खेप भारत भेजी थी। मामले में गिरफ्तार किए गए श्रीगंगानगर क्षेत्र के तीन लोगों से पूछताछ में पता चला कि होशियारपुर पंजाब निवासी जसवीर सिंह उर्फ मोमी के सीमा पार पाकिस्तान में तस्करों से संपर्क थे।

एनसीबी के अनुसार उसी के कहने पर यह हेरोइन भारत पहुंचाई जा रही थी। बीएसएफ ने जब हेरोइन की बरामदगी की तो जसवीर सिंह अपने गांव से परिवार सहित भाग गया था। मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों को जब जसवीर की तस्वीर दिखाई गई तो उसके इस मामले से जुड़े होने की बात पुख्ता हो गई। इसके बाद लगातार 15 दिनों तक एनसीबी और अन्य एजेंसियों की टीमें उसके पीछे लगी रहीं और लगातार उसे सर्विलांस पर रखा गया। ऐसे में गुरुवार को होशियारपुर के पास से जसवीर को गिरफ्तार कर लिया गया। उससे पूछताछ के दौरान हेरोइन तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा होने की उम्मीद है। चारण ने बताया कि तस्करी के इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का संचालक पाकिस्तान के लाहौर में रहने वाला मलिक चौधरी है। उसके बारे में अधिक जानकारी जुटाई जा रही है।

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उल्लेखनीय है कि 03 जून को खाजूवाला क्षेत्र में सीमा पर तारबंदी के बीच प्लास्टिक के पाइप के जरिये 56 किलोग्राम हेरोइन को पाकिस्तान से भारत में भेजा गया। सीमा पर गश्त लगा रहे बीएसएफ के जवानों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने इसे बरामद कर लिया। इसके अगले दिन मामले की जांच एनसीबी के जोधपुर कार्यालय को सौंपी गई थी। उस समय बीएसएफ व स्थानीय पुलिस के सहयोग से दो लोगों को पकड़ा गया था। बाद में एनसीबी की टीम ने तीन और लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया था। चारण ने बताया कि तस्करी के इस बड़े मामले में बीएसएफ व पुलिस से पूरा सहयोग मिला।