मां नंदा को कैलाश विदा करने के साथ नंदा लोकजात का समापन

गोपेश्वर। एक पखवाड़े से चमोली जिले के आठ विकासखंडों में आयोजित हिमालय की अधिष्टात्री देवी मां नंदा की लोकजात सोमवार को नंदा सप्तमी के अवसर पर मां नंदा को कैलाश विदा करने के साथ ही सम्पन्न हो गई।

इसी के साथ ठंड भी शुरू हो गई है। रविवार शाम से ही वेदनी बुग्याल और रूपकुण्ड, होमकुंड की पहाडि़यों पर बारिश शुरू होने के साथ रूपकुण्ड में बर्फबारी हुई है।हल्की बारिश और कोहरे की धुंध के बीच बधाण की मां नंदा राजराजेश्वरी की डोली सुबह गैरोली पातल से वेदनी बुग्याल पहुंची।

मां नंदा की डोली वेदनी कुंड की तीन बार परिक्रमा करने के बाद अपने नियत स्थान पर विराजमान हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने मां नंदा को समौण चूडी, बिंदी, चुनरी, मुंगरी, खाजा आदि भेंट कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान पौराणिक लोकगीतों और जागरों को गाकर मां नंदा को कैलाश के लिये विदा किया गया। अब एक साल बाद नंदा से लोकजात में मिलन होगा।

नंदा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए बांक गांव के लिए रवाना हो गई है। इस अवसर पर पुजारी राजेश प्रसाद, सुभाष गौड, लक्ष्मी प्रसाद, बच्ची राम गौड, कालिका प्रसाद, कमलेश गौड, नरेश गौड, ठाकुर शौर्य रावत, लाटू पुजारी हीरा सिंह, खिलाप सिंह, हीरा सिंह गढ़वाली, पुष्कर सिंह, विक्की, भारती देवी, चंद्रा देवी, मीनाक्षी खाती, आदित्य शाह, मोहन गाइड, विमल मलासी के साथ ही श्रद्धालु मौजूद रहे।

दूसरी ओर दशोली कुरूड की नंदा डोली रामणी गांव से बालपाटा बुग्याल पहुंची। बालपाटा बुग्याल में पूजा- अर्चना करने के बाद मां नंदा को कैलाश के लिए विदा किया गया। इससे पहले उन्हें समौण भेंट की गई। मां नंदा की डोली का रात्रि विश्राम रामणी गांव में होगा।

वेदनी बुग्याल में हिमालय और बुग्यालों को बचाने का आह्वान: लोकजात यात्रा में वेदनी बुग्याल पहुंचे गढ़भूमि एडवेंचर, चेज हिमालय, पहाडी ट्रैवलर्स, मीनाकृति-द ऐपण प्रोजेक्ट, रूपकुण्ड ट्रैकिंग एजेंसी के युवाओं ने पोस्टरों के जरिए लोगों को हिमालय, बुग्याल संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया।सबने इस अनूठी पहल का स्वागत किया। इस अवसर पर ऐपण गर्ल मीनाक्षी खाती, गढभूमि एडवेंचर के सीईओ हीरा सिंह गढ़वाली, चेज हिमालय के सीईओ विमल मलासी, पहाडी ट्रैवलर्स के सीईओ आदित्य शाह समेत अन्य लोग मौजूद रहे। ट्रैकिंग से जुड़े गढ़भूमि एडवेंचर के सीईओ हीरा सिंह गढ़वाली और उनकी टीम के सदस्यों और वन विभाग ने नंदा की वार्षिक लोकजात यात्रा के दौरान वेदनी बुग्याल में साफ सफाई की।