नैनीताल में 119वें नंदा देवी महोत्सव के लिए कदली स्वरूप में पधारीं माता नंदा-सुनंदा

नैनीताल। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले, प्रदेश की कुलदेवी माता नंदा देवी के महोत्सव के प्रणेता नैनीताल में 119वें नंदा देवी महोत्सव के लिए माता नंदा-सुनंदा एक वर्ष के अंतराल व इंतजार के बाद कदली स्वरूप में नगर में लौट आई हैं। रविवार को ज्योलीकोट के निकटवर्ती ग्राम सड़ियाताल स्थित टपकेश्वर मंदिर शिवालय के पास से चिह्नित दो कदली दलों को आयोजक संस्था श्रीराम सेवक सभा के सदस्यों का दल वाहन से माता नयना की नगरी में ले कर पहुंचा। इस दौरान धार्मिक कार्यक्रमों मंे शुभ मानी जाने वाली बारिश की बौछारें भी पड़ती रहीं। इसे महोत्सव के शुभ होने का संकेत माना जा रहा है।

यहां पहले तल्लीताल स्थित मां वैष्णवी देवी मंदिर में और फिर सूखाताल में कदलों की पारंपरिक पूजा-अर्चना की गई। यह महोत्सव के बीच में हुए दो विश्वयुद्धों के बावजूद 119वर्षों के ज्ञात इतिहास में दूसरा मौका है, जब कदली दलों को भव्य शोभायात्रा की जगह वाहन में नगर भ्रमण कर नयना देवी मंदिर में लाया गया है। यहां अब इन कदली दलों से माता नंदा-सुनंदा की प्राकृत पर्वताकार, अपनी अलग विशिष्टता लिए सुंदर मूर्तियों का निर्माण किया जाएगा। कदली दल लाने वाले दल में आचार्य पंडित भगवती प्रसाद जोशी, मुकेश जोशी, विमल चौधरी, भीम सिंह कार्की आदि लोग शामिल रहे। इधर महोत्सव के लिए नयना देवी मंदिर को रंगबिरंगी रोशनियों से, बेहद सुंदर तरीके से सजाया गया है।