ओवैसी के बाद अब मायावती ने भी भागवत के बयान पर किया पलटवार, मुस्लिमों को दिया ख़ास संदेश

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मुस्लिमों और इस्लाम को लेकर दिए गए बयान ने सियासी गलियारों में जमकर हंगामा मचता नजर आ रहा है। दरअसल, भागवत के बयान को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। इसी क्रम में इस बार बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भागवत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मायावती ने भागवत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मोहन भागवत का बयान ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ जैसा है।

मायावती ने आरएसएस और बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारें जहां भी चल रही हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत द्वारा दिए गया बयान किसी के भी गले से नीचे नहीं उतरने वाली है। आरएसएस, बीजेपी एंड कंपनी की कथनी-करनी में काफी अंतर है।

मायावती ने कहा कि मोहन भागवत देश की राजनीति को विभाजनकारी बताकर जो कोस रहे हैं, वो सही नहीं है। सच्चाई तो ये है कि बीजेपी की सरकारों की वजह से जातिवाद, राजनीति द्वेष और सांप्रदायिक हिंसा आ लोगों को परेशान किया हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज अफरा-तफरी का माहौल है, बसपा हमेशा ही आरएसएस की नीतियों का विरोध करती रही है। आरएसएस के बिना बीजेपी का अस्तित्व बिल्कुल भी नहीं है, वह अपनी बातों को बीजेपी की सरकारों से ही क्यों लागू नहीं करवा पा रही है।

बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि आरएसएस की कथनी-करनी में ज़मीन आसमान का अंतर है। ये जो कहते हैं वो उसका उल्टा ही करते हैं। मोहन भागवत का दिया गया ताज़ा बयान लोगों को अविश्वसनीय लगता है, ये बयान मुंह में राम, बगल में छुरी वाला लगता है।उन्होंने कहा कि जो लोग जबरन धर्म बदलवाते हैं, ऐसे मामलों में सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए। लेकिन जानबूझकर इसे हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और मुस्लिम समाज को शक की निगाह से नहीं देखा जाना चाहिए।

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आपको बता दें कि गाजियाबाद में आयोजित एक पुस्तक के विमोचन के कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने हिन्दू- मुस्लिम एकता की बातों को भ्रामक बताते हुए कहा कि यह दोनों अलग नहीं है। इसके अलावा उन्होंने मॉब लिंचिंग, भारत में इस्लाम पर कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उनके इस बयान पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भी तगड़ा पलटवार किया है।