आईपीएस से मोस्ट वांटेड बना फरार मणिलाल पाटीदार, बढ़ा दी गई अपराधी पर इनामी राशि

महोबा के पूर्व एसपी और फरार आईपीएस मणिलाल पाटीदार अब जोन के मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल हो गए। एडीजी प्रयागराज जोन की संस्तुति पर शुक्रवार को शासन की ओर से पाटीदार पर एक लाख का इनाम घोषित किए जाने से संबंधित आदेश जारी कर दिया गया। उनकी तलाश में जोन की जोन की तीन समेत पांच टीमें लगी हैं जिनमें एसटीएफ की भी दो टीमें शामिल हैं। 

बात प्रयागराज जोन की करें तो पाटीदार से पहले यहां एक लाख या इससे ज्यादा के इनामियों में तीन ही नाम शामिल थे। इनमें चित्रकूट का कुख्यात दस्यु गौरी यादव उर्फउदयभान यादव के अलावा प्रतापगढ़ जनपद के सभापति यादव व सुभाष यादव निवासी आसपुर देवसरा शामिल हैं। सभापति व सुभाष पर 1.5 लाख का इनाम घोषित है। जोन का एक और बड़ा इनामी माफिया अतीक अहमद का बेटा उमर है जिस पर एक लाख का इनाम घोषित है। अब इस मोस्ट वांटेड की सूची में पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार का भी नाम जुड़ गया है।

एडीजी जोन प्रयागराज प्रेमप्रकाश ने बताया कि पूर्व एसपी पर दर्ज मामले की जांच कर रही एसआईटी के विवेचक आशुतोष मिश्र की ओर से पत्र लिखकर इनाम बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था। संबंधित अधिकारियों की ओर से संस्तुति किए जाने के बाद उन्होंने इनामी राशि एक लाख रुपये किए जाने की संस्तुति की थी। जिस पर शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया। उधर एसआईटी के विवेचक व प्रयागराज के एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने बताया कि एसटीएफ की दो टीमों के साथ कुल पांच टीमें फरार आईपीएस की तलाश में लगी हैं। यह टीमें राजस्थाना के डूंगरपुर जनपद के सरौंदा थाना सगवाड़ा स्थित उनके मूल निवास के अलावा हर संभावित ठिकानों पर तलाश में लगी हैं।

गौरतलब है कि महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की वीडियो वायरल के बाद हुई संदिग्ध मौत की घटना से तत्कालीन एसपी पाटीदार विवादों में आ गए थे। मृतक के परिवारीजनों ने एसपी पर हत्या कराने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि एसआईटी की जांच में मणिलाल को भ्रष्टाचार में लिप्त होने और इंद्रकांत को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने का दोषी बताया गया। फिलहाल निलंबित होने और मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही वह फरार हैं। वह वर्ष 2014 बैच के आईपीएस हैं।

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संदिग्ध परिस्थितियों में लगी थी गोली

दरअसल, क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी को पिछले साल आठ सितंबर को संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगी थी। करीब पांच दिन तक कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के बाद उनकी 13 सितंबर को मौत हो गई। इससे पूर्व सात सितंबर को इंद्रकांत ने एक वीडियो जारी कर पाटीदार पर संगीन आरोप लगाते हुए खुद की हत्या की आशंका जताई थी। आरोप लगाया था कि पाटीदार ने कारोबार करने के लिए छह लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने की धमकी दी थी। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई रविकांत ने महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र व कांस्टेबल अरुण और दो अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।