विधानसभा सत्र शुरू होते ही ममता को याद आएं बंगाल चुनाव, आयोग पर लगाए आरोप

पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमाने वाली तृणमूल की नवगठित सरकार ने शनिवार को विधानसभा का अपना पहला सत्र बुलाया है। इस सत्र की शुरुआत में सदस्यों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार और चुनाव आयोग को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं।

ममता ने की बंगाल के युवा पीढी की प्रशंसा

बंगाल चुनाव में चुनाव आयोग की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि इस संस्था को बचाना है तो इसमें तुरंत ही बड़े सुधार किए जाएं, ऐसा नहीं होता है तो लोगों को विश्वास चुनाव आयोग से उठ जाएगा।

विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा कि चुनाव में युवा पीढ़ी ने हमें वोट दिया है। यह हमारे लिए एक नई सुबह है। तृणमूल कांग्रेस को जबरदस्त तरीके से बहुमत देकर लोगों ने सत्ता में वापस चुना है। यह ऐतिहासिक है। इसकी वजह बंगाल की जनता और महिलाएं थीं।

ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल एक मजबूत रीढ़ का सूबा है और यह कभी नहीं झुकता है। यहां केंद्र और भाजपा ने साजिश की, सभी केंद्रीय मंत्री यहां उतरे। मुझे नहीं पता कि उन्होंने विमानों और होटलों पर कितने करोड़ रुपये खर्च किए। यहां पानी की तरह बीजेपी ने पैसा बहाया।

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ममता ने कहा कि बंगाल के साथ इतना भेदभाव भाजपा क्यों कर रही है ये समझ से परे है। शपथग्रहण के 24 घंटे के भीतर उन्होंने एक केंद्रीय टीम यहां भेज दी, कहा कि यहां हिंसा हो रही है। दरअसल भाजपा नतीजों को नहीं पचा पा रही है, जनता के जनादेश को मानने के लिए वो तैयार नहीं हैं। मैंने कभी हिंसा का कभी समर्थन नहीं किया है, हमने सभी कदम उठाए हैं। भाजपा के लोग फर्जी खबरें और फर्जी वीडियो हिंसा को लेकर फैला रहे हैं।