मुकुल रॉय की वजह से मुश्किल में ममता सरकार, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा आदेश

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में जा चुके मुकुल रॉय को विधानसभा में लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में हलफनामा देने को कहा है।

मुकुल रॉय के पद पर भाजपा ने जताया ऐतराज

भारतीय जनता पार्टी की ओर से दाखिल कराए गए मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से हलफनामा दायर करने को कहा है। कोर्ट ने जानना चाह है कि आखिर किस आधार मुकुल रॉय को पीएसी का अध्यक्ष बनाया गया है। कोर्ट ने अध्यक्ष को 12 अगस्त से पहले हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

दरअसल, ऐसी परंपरा रही है कि विधानसभा में पीएसी का अध्यक्ष पद विपक्ष के नेता के पास रहता है लेकिन इस बार मुकुल रॉय को यह जिम्मेदारी दे दी गई है। खास बात यह है कि मीडिया के कैमरों के सामने रॉय ने भाजपा छोड़कर तृणमूल में वापसी की थी और खुद पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने उन्हें झंडा थमाया था। बावजूद इसके विधानसभा में उन्हें कागज पर भाजपा का ही विधायक माना है। इसी को आधार बनाकर अध्यक्ष विमान बनर्जी ने उन्हें पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। इसे लेकर भाजपा लगातार हमलावर है।

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भाजपा आरोप लगा रही है कि विधानसभा में जब लोकतंत्र नहीं बचा तो पूरे राज्य में क्या होगा। मुकुल के खिलाफ दलबदल कानून के तहत याचिका भी विधानसभा अध्यक्ष के पास लगाई गई थी। दो बार सुनवाई हो चुकी है लेकिन अध्यक्ष की निष्क्रियता को देखने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने हाई कोर्ट का रुख किया है।