महाराष्‍ट्र: नवाब मलिक से नहीं लिया जाएगा इस्तीफा, दूसरे नेता संभालेंगे उनकी जिम्मेदारी

नई दिल्ली. महाराष्‍ट्र सरकार (Maharashtra Government) में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) के इस्तीफे की अटकलों के बीच महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने स्पष्ट कर दिया है कि मलिक से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा. जयंत पाटिल ने कहा कि मलिक मंत्री बने रहेंगे. पाटिल ने कहा कि चूंकि वे जेल में हैं और मंत्रालय का काम नहीं कर सकते हैं इसलिए उनके मंत्रालय की जिम्मेदारी तत्काल किसी और को दी जाएगी. हालांकि नवाब मलिक के इस्तीपे को लेकर विपक्षी दल बीजेपी हमलावर है और वह हर हाल में मलिक के इस्तीफे पर अड़ी हुई है.

पिछले एक महीने से यह मामला महाराष्ट्र की राजनीति में गरमाया हुआ है. इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) के घर पर कल शाम करीब दो घंटों तक एनसीपी नेताओं की बैठक हुई. बैठक के बाद फैसला लिया गया कि नवाब मलिक के मंत्रालय की जिम्‍मेदारी दूसरे नेताओं को दी जाएगी. बाद में पाटिल ने स्पष्ट कर दिया कि नवाब मलिक से इस्तीफा नहीं लिया जाएगा.

मलिक के पास दो मंत्रालय

नवाब मलिक के पास फिलहाल दो मंत्रालय है. ये हैं अल्पसंख्यक मंत्रालय और कौशल विकास विभाग है. इन दो विभागों की जिम्मेदारी दूसरे मंत्रियों को सौंपी जाएगी. चूंकि महाराष्ट्र में नगर निगम चुनाव होना है और नवाब मलिक महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष हैं, इसलिए नरेंद्र राणे और राखी जाधव को कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाने का फैसला किया है.

23 फरवरी से जेल में हैं मंत्री

23 फरवरी को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को मनी लॉन्डिंग मामले में पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद उनसे 8 घंटे तक पूछताछ की गई. गिरफ्तारी के बाद एनसीपी नेता की जेजे हॉस्पिटल में मेडिकल जांच कराई गई और फिर आरोपी को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने मलिक को 8 दिन की रिमांड पर प्रर्वतन निदेशालय को सौंप दिया. गिरफ्तारी के बाद नवाब मलिक ने ट्वीट किया था, ‘न डरेंगे और न झुकेंगे. 2024 के लिए तैयार रहिए. नवाब मलिक, फिलहाल अर्थर रोड जेल में हैं. कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका रद कर दी है.

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टेरर फंडिंग का आरोप

मलिक पर धनशोधन के जरिए अंडरवर्ल्ड से संबंध का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय के आरोपों के मुताबिक मलिक ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर से 300 करोड़ की जमीन को महज 55 लाख रुपए में खरीदा था. इस पूरे ट्रांजैक्शन में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप मलिक पर लगा है. साथ ही अंडरवर्ल्ड और 1993 बम धमाकों के आरोपियों से संबंध रखने और प्रॉपर्टी खरीदने का भी आरोप है. मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप भी लगाया गया है.