केजरीवाल ने हमारे साथ शराब के खिलाफ आवाज उठाई थी, आज शराब नीति में गिरफ्तार हुआ : अन्ना हजारे

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। ईडी की टीम कल शाम केजरीवाल के घर पूछताछ और तलाशी के लिए पहुंची थी। इसके करीब दो घंटे के बाद ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। थोड़ी देर में पीएमएलए कोर्ट में केजरीवाल मामले की सुनवाई होनी है। अब केजरीवाल की गिरफ्तारी के पूरे मामले पर समाजसेवी अन्ना हजारे ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।


समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि अरविंद ने मेरी कभी बात नहीं मानी और मुझे इस बात का दुख है, मैंने हमेशा से शराब नीति को बंद करने की बात कही पर उन्होंने इसे शुरू कर दिया और आज इसी मामले की वजह से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि कभी हम दोनों शराब जैसे भ्रष्टाचार के खिलाफ साथ खड़े थे और आज वो खुद शराब बना रहा था। अरविंद ने मेरी बात नहीं मानी मुझे इस बात का दुख है। मगर केजरीवाल करेगा क्या सत्ता के आगे कुछ नहीं कर पायेगा । उन्होंने कहा अभी सरकार की ओर से होगी वह सरकार सोचेगी ।


अन्ना हजारे ने कहा कि मैंने कई बार केजरीवाल को शराब नीति बंद करने के लिए पत्र लिखा था, मेरा शराब नीति पर पत्र लिखने का मकसद अन्याय को खत्म करना था। शराब की वजह से लोगों की हत्याओं के मामले बढ़ते हैं, महिलाओं पर अत्याचार होता है, इसकी वजह से मैंने शराब नीति को बंद करने की बात की थी, लेकिन अरविंद के दिमाग में मेरी बात नहीं आई और उन्होंने शराब नीति शुरू कर दी। अंत में उसी सराब ने केजरीवाल को वहां पहुंचा दिया जहां उनको नही होना चाहिए था। इसके आगे उन्होंने कहा कि अब अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार इस बात पर ध्यान देगी की जिन्होंने गलती की है उन्हें सजा मिलनी चाहिए।

क्या है दिल्ली की नई शराब नीति?
आपको बता दें 17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से राज्य में कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई शराब नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। लेकिन जल्द ही इस नीति का विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव ने इस नई नीति के खिलाफ अनियमितता की जानकारी दी, जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू हुई। उसके बाद सितंबर साल 2022 से इस मामले में गिरफ्तारी होने लगी।