मुश्किल नहीं है बजट को समझना, बस इन शब्दों का समझ लें मतलब

भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बस थोड़े ही दिनों में अगले वित्त वर्ष के लिए देश का आम बजट (Union Budget) पेश करेंगी। देश के हर कारोबारी, टैक्सपेयर, महिला, पुरुष और सभी आम आदमियों के लिए बजट जितना अहम होता है, कई लोगों के लिए इसे समझना उतना ही मुश्किल होता है। लेकिन हम आपकी ये मुश्किल आसान करेंगे। अगर आप बजट में इस्तेमाल होने वाले कुछ शब्दों का अर्थ समझ लेंगे, तो आपको वित्त मंत्री का बजट भाषण (Budget Speech) समझने में कोई मुश्किल नहीं होगी।

वित्त वर्ष

वैसे तो ज्यादातर लोगों को वित्त वर्ष (Financial Year) का अर्थ पता ही है। यह एक वित्तीय साल होता है, जो कि 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है।

कर निर्धारण साल

कर निर्धारण वर्ष यानी असेसमेंट वर्ष (Assessment Year) किसी भी वित्तीय साल का अगला साल होता है। अगर वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 होता है, तो असेसमेंट ईयर 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक होगा।

मुद्रास्फीति

पिछले कुछ समय से देश में मुद्रास्फीति यानी महंगाई (Inflation) को लेकर काफी चर्चा हो रही है। मालूम हो कि मुद्रास्फीति किसी भी अर्थव्यवस्था में प्रोडक्ट्स और सर्विस की कीमत में होने वाली वृद्धि को कहा जाता है।

अंतरिम बजट

अंतरिम बजट (Interim Budget) को हर साल पेश नहीं किया जाता है। यह एक खास समय के लिए होता है। इसे सिर्फ चुनावी साल में ही पेश किया जा सकता है। यह चुनावी वर्ष में नई सरकार के गठन तक खर्चों का इंतजाम करने के लिए पेश किया जाता है।

सकल घरेलू उत्पाद

किसी भी देश का बजट उसकी आर्थिक वृद्धि के लिए बहुत अहम होता है। सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय में तैयार की गई सभी वस्तुओं और सर्विस का कुल बाजार मूल्य होता है। इसे जीडीपी (GDP) भी कहा जाता है।

प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर यानी डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) वह होता है जो सीधे व्यक्तियों और संगठनों की इनकम पर लगता है। उदाहरण के लिए, इनकम टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, आदि।

अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष कर यानी इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) प्रोडक्ट्स और सर्विस पर लगाया जाता है। जब कोई प्रोडक्ट और सर्विस खरीदता है, तो वे इसका भुगतान करते हैं। जैसे- उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क आदि।

राजकोषीय घाटा

राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) तब होता है जब उधार को छोड़कर किसी देश का व्यय, कुल राजस्व से ज्यादा हो जाता है।

राजस्व घाटा

राजस्व घाटा (Revenue Deficit) तब होता है जब सरकार का कुल खर्च उसकी अनुमानित इनकम से ज्‍यादा होता है।

कर राजस्व

टैक्स रेवेन्यू यानी (Tax revenue) सरकार के लिए इनकम का प्राथमिक स्रोत है। सरकार अपने खर्च को या तो व्यक्तियों या कंपनियों की इनकम पर सीधे टैक्स लगाकर या लोगों की ओर से खरीदे गए प्रोडक्ट्स और सर्विस पर टैक्स लगाकर (अप्रत्यक्ष कर) पूरा करती है।

गैर-कर राजस्व

नॉन- टैक्स रेवेन्यू (Non-tax revenue) करों को छोड़कर सरकार के लिए राजस्व का स्रोत होता है। इसमें ब्याज प्राप्तियां, स्पेक्ट्रम नीलामी और विनिवेश सहित कई और चीजें शामिल हैं।

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न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT)

मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (Minimum Alternative Tax) एक न्यूनतम टैक्स है जिसे एक कंपनी को भुगतान करना होता है। अगर कंपनी शून्य टैक्स सीमा के अंतर्गत क्यों ना हो।