गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की साधना का विशेष महत्व, अघोरी आधी रात में करते है पूजा

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि लोक कल्याण के लिए तंत्र-मंत्र साधना को सिद्ध करने वाली मानी गई है। कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा से कई कष्टों से मुक्ति मिलती है, अवन्तिकापुरी उज्जैन के प्रसिद्ध वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में तांत्रिक महाविद्याओं को भी सिद्ध करने के लिए मां दुर्गा जी की उपासना की जाती है।

घट स्थापना शुभ मुहूर्त: नवरात्रि प्रारंभ 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार से 21 फरवरी 2021 दिन रविवार तक रहेगे।

कलश स्थापना मुहूर्त:- सुबह 08 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 59 मिनट तक।

अभिजीत मुहूर्त:- दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक। 

मां दुर्गा जी के इन स्वरूपों की होती है पूजा:- मां कालिके, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूम्रवती, माता बगलामुखी, मातंगी, कमला देवी यह दस महाविद्याओं की पूजन होती है।

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मां दुर्गा की गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा:- कहते हैं कि गुप्त नवरात्रि के दौरान तांत्रिक और अघोरी मां दुर्गा जी की आधी रात में पूजा करते हैं। मां दुर्गा जी की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित कर लाल रंग का सिंदूर और सुनहरे गोटे वाली चुनरी अर्पित की जाती है। इसके बाद मां के चरणों में पूजा सामग्री को अर्पित किया जाता है। मां दुर्गा को लाल पुष्प चढ़ाना शुभ माना जाता है साधक अनेक प्रकार से मां को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह की साधनाये करते है।