छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र)। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे एक खतरनाक साइबर फ्रॉड ने युवाओं की चिंता बढ़ा दी है। ‘प्रेग्नेंसी जॉब’ के नाम पर साइबर ठग आकर्षक फर्जी प्रोफाइल बनाकर युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। पिछले एक महीने में ही साइबर पुलिस के पास ऐसे कम से कम छह मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें लाखों रुपये की ठगी और मानसिक उत्पीड़न की शिकायत सामने आई है।
25 लाख का लालच, भावनाओं से खेल
ठग Facebook, Instagram और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म पर खूबसूरत महिलाओं की तस्वीरों से फेक प्रोफाइल बनाते हैं। ये प्रोफाइल खुद को अमीर, विदेश में रहने वाली या सफल बिजनेसवुमन बताती हैं। इसके बाद भावनात्मक मैसेज भेजे जाते हैं—“मैं लंबे समय से मां नहीं बन पाई हूं” या “मैं मां बनना चाहती हूं, मेरी मदद करें, बदले में 25 लाख रुपये दूंगी।” इसी बहाने युवाओं को घर बैठे कमाई और तथाकथित ‘प्रेग्नेंसी जॉब’ का झांसा दिया जाता है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि कई बार मासूम लड़कियों की तस्वीरें चोरी कर इन फर्जी खातों में इस्तेमाल की जाती हैं।
नौकरी का झांसा, वसूली कई चरणों में
वालुज इलाके में निजी कंपनी में काम करने वाले 26 वर्षीय अकाउंटेंट से ‘प्रेग्नेंसी जॉब’ के रजिस्ट्रेशन के नाम पर 8 हजार रुपये ठग लिए गए। उसे 40 हजार रुपये महीने की सैलरी का लालच दिया गया था। इसी तरह, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे एक ग्रामीण युवक से टेलीग्राम पर पार्ट-टाइम जॉब के नाम पर 15 हजार रुपये वसूले गए।
इस फ्रॉड में ठग अलग-अलग चरणों में पैसे मांगते हैं—पहले रजिस्ट्रेशन फीस, फिर आइडेंटिटी वेरिफिकेशन, GST, प्रोसेसिंग चार्ज, सिक्योरिटी डिपॉजिट और आखिर में कानूनी कार्रवाई व वकील की फीस के नाम पर रकम ऐंठी जाती है। पैसे मिलते ही आरोपी नंबर और सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक कर देते हैं।
बदनामी की धमकी से ब्लैकमेलिंग
इस स्कैम का सबसे खतरनाक पहलू ब्लैकमेलिंग है। चयन प्रक्रिया के बहाने युवाओं को वीडियो कॉल पर बुलाया जाता है और उन्हें आपत्तिजनक हरकतों के लिए मजबूर कर बातचीत रिकॉर्ड कर ली जाती है। बाद में इन्हीं वीडियो और तस्वीरों के जरिए पीड़ितों को बदनाम करने की धमकी दी जाती है। ठग सोशल मीडिया से रिश्तेदारों और दोस्तों की जानकारी जुटाकर वीडियो भेजने की धमकी देते हैं। समाज में बदनामी के डर से कई युवक मजबूरी में पैसे देने को तैयार हो जाते हैं। कुछ मामलों में उन्हें आगे आपराधिक गतिविधियों में शामिल करने की कोशिश भी की गई है।
साइबर पुलिस की कड़ी चेतावनी
साइबर पुलिस उपायुक्त रत्नाकर नवले ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर मिलने वाले ऐसे किसी भी ऑफर का कोई कानूनी आधार नहीं है। यह फ्रॉड आर्थिक, सामाजिक और यौन कमजोरियों का फायदा उठाकर किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि ऐसे मैसेज का जवाब न दें और ठगी की स्थिति में तुरंत साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
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