हुनर हाट: बरेली के झुमकों की छनक और राजस्थानी चूड़ियों खनक ने मचाया धमाल

-22 जनवरी से शुरू हुए हुनर हाट में हस्तशिल्पियों के उत्पाद बने आकर्षण का केन्द्र

लखनऊ। नवाबी नगरी मतलब लखनऊ। इन दिनों यहां अलग सा माहौल है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों की सांस्कृतिक छटा बिखरी है। वहां के स्वादिष्ट व्यंजनों की महक फैली है। वाद्य यंत्रों की ताल और धुनों से हवा में संगीत बह रहा है। सब कुछ जैसे अलग दुनिया जैसा नजर आ रहा है। जी हां…हम बात कर रहे हैं राजधानी में अवध शिल्प ग्राम में लगे हुनर हाट की। प्रदेश सरकार की पहल पर हुनरमंदों की इस प्रदर्शनी ने लोगों का दिल तो जीत रखा ही है साथ ही यहां उनके उत्पाद आकर्षण का केन्द्र भी बने हैं।

हुनर हाट: बरेली के झुमकों की छनक और राजस्थानी चूड़ियों खनक ने मचाया धमाल

हुनर हाट: बरेली के झुमकों की छनक और राजस्थानी चूड़ियों खनक ने मचाया धमाल: हुनर हाट में लगे स्टाल व विभन्न जिलों के उत्पाद आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं। सुबह से लेकर शाम तक स्टॉलों पर भारी भीड़ जुट रही है। यहां बरेली के झुमकों की छनक और राजस्थानी चूड़ियों की खनक ने माहौल बना रखा है। मिर्ज़ापुर के आचार का चटकारा भी लोग खूब लगा रहे हैं। हाथों से बनी जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब , राजस्थान की वस्तुएं भी लोगों का मन मोह रही हैं। फन जोन के झूले व खेलकूद की प्रतियोगितायों में भी लोगों की रूचि दिखाई दे रही है।

वाराणसी कि साड़ियां हों या चंदेरी दुपट्टे, कश्मीर के गरम शॉल हों या कलकत्ता के खूबसूरत बटुए,  ये सभी लोगों को खूब आकर्षित कर रहें है। मसलन मिर्ज़ापुर और भदोही की कालीन रामपुर का पैचवर्क,  ललितपुर की जरी सिल्क के काम वाली खूबसूरत साडि़यां,  उन्नाव की जरी-जरदोजी,  इटावा के वस्त्र उत्पाद,  बलिया के मनिहर की बिन्दी, हमीरपुर की जूती,  लखीमपुर खीरी और श्रावस्ती के जनजातीय शिल्प के साथ और भी बहुत कुछ ख़ास नज़र आ रहा है। यहां दस रुपये से लेकर लाखों की वस्तुएं उपस्थित हैं।

फूड कोर्ट में स्वादिष्ट व लजीज व्यंजनों का उठा रहे लुत्फ

हुनर हाट के स्टॉलों के साथ- साथ यहां फूड कोर्ट में हर राज्य के खासमखास व्यंजन के स्टॉल आपके  स्वागत के लिए  हैं। चाहिए तो तंदूर की चाय पीकर तरो-ताजा हो लीजए या अपने प्रतापगढ़ के आंवले का खट्टा-मीठा स्वाद,  इलाहाबादी अमरूद के चाकलेट को मुंह में घुलाते हुए हुनर हाट की बाकी दुकाने भी हैं। स्वाद इनका लाजवाब है, पर दाम सबकी जेब के अनुकूल हैं। ययां दिव्यंगो के आलावा 12 वर्ष तक बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों का प्रवेश निःशुल्क हैं। यहां अन्दर प्रवेश करते ही एक सेल्फी प्वाइंट भी बना हुआ है जहां गाय, बछड़ों के साथ लोग खूब सेल्फी ले रहे हैं।