बंगाल हिंसा का सच देखकर दंग रह गया मानवाधिकार, खुल गई ममता के कुशासन की पोल

पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद भड़की हिंसा पीड़ितों से मिलकर केंद्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने रिपोर्ट तैयार करना जारी रखा है। पिछले तीन दिनों से लगातार आयोग की टीम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूम कर लोगों की शिकायतें सुन रही है। मानवाधिकार आयोग की टीम ने शनिवार रात तक बीरभूम जिले के विभिन्न हिस्से का दौरा किया और हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने लिखित शिकायत आयोग को दी है जिसमें आरोप है कि चुनाव बाद उन्हें घर से खींचकर मारा पीटा गया। कई लोग घर छोड़कर फरार हैं और पुलिस से कोई मदद नहीं मिली।

मानवाधिकार आयोग ने हिंसा पीड़ितों से की मुलाक़ात

आयोग की टीम ने शनिवार को बीरभूम जिले के बोलपुर, लाभपुर व नानूर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों का दौरा कर हिंसा प्रभावित परिवारों का दुख दर्द जाना। एक स्थानीय भाजपा नेता ने बताया कि मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधियों ने तीनों विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों पीड़ित परिवारों के घर जाकर उनका हालचाल जाना। परिवार के सदस्यों ने टीम को अपने ऊपर हुए अत्याचार के विषय में विस्तार से बताया।

 सूत्रों के अनुसार, इस दौरान बेघर हुए लोगों और उन पर हुए अत्याचार को देखकर आयोग के सदस्य भी दंग रह गए। उन्होंने एक-एक चीज का बारीकी से निरीक्षण किया और पीड़ित परिवारों को न्याय का भी भरोसा दिया।

यह भी पढ़ें: आतंकियों ने फिर फैलाई दहशत, बम धमाकों से गूंज उठा जम्मू एयरफोर्स स्टेशन

उल्लेखनीय है कि दो मई को राज्य में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थी। कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को राज्य के दौरे पर पहुंचा मानवाधिकार आयोग का यह दल चुनाव बाद हुई हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहा है। आयोग की टीम ने इससे पहले उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न स्थानों का गुरुवार व शुक्रवार को दौरा किया था। टीम हिंसा के सभी मामलों की जांच कर रही है जिसके बारे में आयोग को पहले ही शिकायतें प्राप्त हुई थी।