24 साल पुराने मामले ने कैसे फुला दीं फूलपुर पवई के बाहुबली रमाकांत यादव की सांसें

उत्तर प्रदेश के चर्चित सपा नेता और बाहुबली रमाकांत यादव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। नकली शराब के मामले में रमाकांत यादव को आजमगढ़ जिला न्यायलय ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। वहीं पिछले हफ्ते ही रमाकांत ने एक 24 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।

दरअसल 1998 में लोकसभा चुनाव के दौरान रमाकांत यादव का बसपा प्रत्याशी रहे अकबर अहमद डंपी के साथ झगड़ा हो गया था और मामला इतना बढ़ गया कि दोनों पक्षी की ओर से फायरिंग भी हुई थी इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था जांच पूरी होने के बाद पिछले साल रमाकांत यादव को कोर्ट ने सरेंडर करने के लिए बोला था लेकिन उन्होंने सरेंडर नहीं किया था सरेंडर न करने के कारण कोर्ट ने रमाकांत यादव के खिलाफ गैर- जमानती वारंट जारी कर दिया

गैर-जमानती वारंट के कारण सपा नेता और फूलपुर पवई से विधायक रमाकांत यादव को कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा। पुलिस के मुताबिक फूलपुर पवई से पांच बार विधायक और आजमगढ़ से चार बार सांसद रहे रमाकांत यादव हिस्ट्रीशीटर हैं और उनके खिलाफ करीब दो दर्जन मामले दर्ज हैं। हालांकि उनके बेटे अरुण कुमार यादव पिछले विधानसभा चुनाव में फूलपुर पवई से भाजपा के मौजूदा विधायक चुने गए थे, लेकिन तब रमाकांत यादव भी बीजेपी में थे। पिछले साल रमाकांत यादव सपा में शामिल हो गए और पार्टी ने उन्हें फूलपुर पवई से उम्मीदवार बनाया और वो चुनाव जीत गए। बीजेपी ने उनके बेटे का टिकट काट दिया था।

फरवरी में नकली शराब वाले मामले में जिसमे विधायक (रमाकांत यादव) को हिरासत में भेजा गया है, उसमे पुलिस का दावा है कि रमाकांत का भतीजा रंगेश यादव अपने चाचा के आशीर्वाद से नकली शराब का धंधा चला रहा था। रंगेश इस मामले का मुख्य आरोपी है। वहीं रमाकांत के बेटे और बीजेपी नेता अरुण कुमार यादव ने दावा किया कि उनके पिता के खिलाफ मामले इसलिए दर्ज किए गए क्योंकि वह गरीबों और दलितों की आवाज उठाते हैं।

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सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने भी भाजपा सरकार पर रमाकांत यादव को परेशान करने का आरोप लगाते हुए विधायक का बचाव किया। उन्होंने कहा, “जिन मामलों में उन्हें फंसाया जा रहा है, वे राजनीति से प्रेरित हैं। रंगेश यादव रमाकांत यादव के दूर के रिश्तेदार हैं और विधायक का उनके व्यवसाय से कोई संबंध नहीं है।