हिस्ट्री की सबसे शॉकिंग ‘मिस्ट्री’, लाशें खाकर मिटाते रहे भूख, 72 दिन, जिंदा बचे सिर्फ 16…

दुनिया में कई ऐसे रहस्यमयी विमान हादसे हुए हैं, जिन्होंने चौंकाया है। कोलंबिया विमान हादसे में 40 दिन बाद भी जिंदा रहे बच्चों की स्टोरी भी कुछ इसी तरह की है। लेकिन यह अकेला हादसा नहीं है, जहां इतने दिनों तक लोगों ने अपनी जान बचाई। इससे पहले भी उरूग्वे में एक ऐसा ही खौफनाक विमान हादसा हुआ था, जिसमें बचे लोगों की कहानी सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।

कैसे हुआ था उरूग्वे एयरफोर्स विमान हादसा

करीब 5 साल पहले इंडोनेशिया के एक विमान 189 यात्रियों को लेकर समुद्र में समा गया, जिसमें किसी को भी नहीं बचाया जा सका। लेकिन इससे भी खौफनाक एक हादसा साल 1972 में हुआ था। इस विमान हादसे को मिरेकल ऑफ एंडीज के नाम से जाना जाता है, जिस पर किताब लिखी गई और हॉलीवुड की फिल्म भी बनी थी। यह विमान हादसा रग्बी टीम के दो खिलाड़ियों की हिम्मत और जज्बे के लिए भी जाना जाता है।

उरूग्वे एयरफोर्स के प्लेन में सवार थी रग्बी टीम

यह हादसा 13 अक्टूबर 1972 को हुआ था। उरूग्वे एयरफोर्स के विमान में ओल्ड क्रिस्चियन क्लब की रग्बी टीम सवार थी। विमान में कुल 45 लोग सवार थे। उड़ान भरने के कुछ ही देर के बाद मौसम ने करवट ली और एंडीज पर्वत की बर्फीली चोटियों पर कुछ नजर नहीं आ रहा था। करीब 14 हजार फीट की ऊंचाइ पर जाने के बाद भी विमान एंडीज पर्वत से टकरा गया। इस हादसे में 18 लोगों ने तुरंत ही दम तोड़ दिया जबकि 27 लोग लापता हो गए।

10 दिन बाद बंद हो गया रेस्क्यू ऑपरेशन

हादसे के बाद उरूग्वे सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और एंडीज पर्वत के घटनास्थल पर बड़ा अभियान चलाया गया। 10 दिनों तक रेस्क्यू टीम खाक छानती रही लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला। इसके बाद 11वें दिन यह मानकर रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया कि कोई नहीं बचा है। सबका मानना था कि यहां न खाने-पीने की विकट परिस्थिति में किसी का जिंदा बचना मुश्किल है।

27 में से 16 लोगों की कैसे बची थी जान

विमान हादसे के बाद लापता हुए 27 लोगों में से कुछ गंभीर घायल थे, जिनकी मौत हो गई। बचे हुए लोगों ने पानी के लिए विमान के मेटल के टुकड़े को निकाला और बर्फ पिघलाकर पीने लगे। कुछ ही दिन में उनके पास पड़ा खाने का सामान खत्म हो गया। भूख से बेहाल लोगों को कुछ नहीं मिला तो मृत लोगों की लाशें खाने लगे। सभी लोग अब मौत की तरफ तिल-तिल बढ़ रहे थे।

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2 रग्बी खिलाड़ियों ने अंत तक नहीं मानी हार

हादसे को अब कुल 60 दिन बीच चुके थे और 16 लोग किसी तरह जिंदा थे। इस दौरान दो खिलाड़ी नेन्डे पैरेडो और रॉबर्ट केनेसा ने अंतिम दांव चला। वे किसी तरह से बर्फ पर ट्रैकिंग करते रहे और दूर आबादी तक पहुंच गए। फिर वहां से रेस्क्यू टीम को लोकेशन बताई गई। अंत में बचे सभी 16 लोगों को बचा लिया गया। इसे लोगों ने चमत्कार माना। इस हादसे पर पियर्स पॉल ने अलाइव नाम से किताब लिखी। 1993 में डायरेक्टर फ्रेंक मार्शन ने इस कहानी पर हॉलीवुड की मूवी बनाई।