पूर्व विधायक अजय राय पहुंचे प्रयागराज, मुख्तार अंसारी के खिलाफ देंगे गवाही

पूर्व विधायक अजय राय अपने बड़े भाई अवधेश राय के हत्यारोपी माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ गवाही देने मंगलवार को प्रयागराज स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में पहुंचे। इसको लेकर पूरे दिन सोशल मीडिया में लोग प्रतिक्रिया देते रहे।

पूर्व विधायक के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में आरोपी है माफिया विधायक अंसारी

विशेष न्यायालय रवाना होने के पूर्व कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री अजय राय ने अलसुबह श्रीसंकटमोचन दरबार में समर्थकों के साथ हाजिरी लगाई। और संकटमोचन से विजयश्री का गुहार लगा प्रयागराज स्पेशल कोर्ट के लिए रवाना हो गये। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे शस्त्र और सुरक्षा छीनकर प्रदेश कि जिस योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आतंकवादी बताया। उस मुजरिम मुख्तार अंसारी को संरक्षण देने की जितनी भी कोशिश यह योगी सरकार कर ले, मैं उसे फांसी की सजा दिलाकर ही रहूंगा।

पूर्व विधायक ने कहा कि मुझे न केवल बाबा विश्वनाथ और संकट मोचन पर भरोसा है, बल्कि भारत के संविधान पर भी अटूट विश्वास है। उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की एमपी एलएमए स्पेशल कोर्ट कोर्ट ऐसे जघन्य अपराधी को सजा देकर प्रदेश में व्याप्त अराजकता को सुधारने की पूरी कोशिश करेगी।

उन्होंने काशीवासियों से अनुरोध किया कि आप सब अपना आशीर्वाद दें। जिससे मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी के खिलाफ गवाही देकर और उसे सजा दिलाकर हमसब मिलकर एक सुदृढ़ समाज की स्थापना करें।

इसके दो दिन पहले उन्होंने पत्रकार वार्ता कर सरकार से सुरक्षा व्यवस्था देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि विधायक मुख्तार अंसारी मेरी हत्या करा सकता है। बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में गवाह मैं ही हूं। ऐसे में मेरी सुरक्षा जरूरी है, लेकिन सरकार के निर्देश पर मेरी सुरक्षा हटा ली गई। वार्ता के दौरान उन्होंने मुख्तार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्यारा बचाने के आरोप को नकार दिया था।

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उन्होंने तब कहा था कि केंद्र में जब कांग्रेस की सरकार थी तो मारे गये कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने आरोप लगाया था कि सरकार मुख्तार अंसारी को बचा रही है, जबकि अब केंद्र में भाजपा की सरकार है। उसके बाद भी उनके पति कृष्णानंद राय की हत्या के गवाह कोर्ट में गवाही नहीं दे सके। इससे अब स्पष्ट हो रहा है कि मुख्तार अंसारी को कौन बचा रहा है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा था कि दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक सोच के कारण प्रदेश सरकार ने उनकी सुरक्षा वापस ले ली है।