विज्ञान भवन में जारी 7वें दौर की बातचीत ख़त्म, सरकार ने किसानों को दिलाया भरोसा

दिल्ली के विज्ञान भवन में मोदी सरकार और किसानों के बीच जारी सातवें दौर की बैठक अब ख़त्म हो चुकी है। 5 घंटों तक चली इस बैठक में मुख्य निर्णय नहीं निकल सका है। अब किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की वार्ता के लिए 4 जनवरी का दिन निर्धारित किया गया है। बैठक के बाद एक किसान नेता ने बताया कि मोदी सरकार ने पराली अध्यादेश और बिजली बिल वापस लेने का भरोसा दिया है।

सरकार ने खाया किसानों का लंगर

आज दिन में करीब ढाई बजे शुरू हुई इस बैठक में मोदी सरकार का नेतृत्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल रहे। वहीं किसानों की ओर से आंदोलन में शामिल किसान संगठनों के 40 नेता शामिल हुए।

दरअसल, विज्ञान भवन में दोपहर करीब ढाई बजे से शुरू हुई छठे दौर की बैठक के बीच जब लंच ब्रेक हुआ तो मोदी सरकार के तीनों मंत्रियों ने सकारात्मक संदेश देने के लिए किसान नेताओं से कहा, आज हम भी लंगर का खाना आपके साथ चखेंगे। इस पर किसान नेताओं ने कहा, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि सरकार और किसान आज साथ-साथ खाना खाएं?

फिर तीनों मंत्रियों- तोमर, गोयल और प्रकाश ने कतार में लगकर लंगर का स्वाद लिया। इस दौरान एक किसान नेता ने गोयल के साथ सेल्फी भी ली।

बताया जा रहा है कि इस बैठक के दौरान सरकार के साथ इस बैठक में किसानों के प्रतिनिधियों ने आंदोलन के दौरान जिन किसानों की जान गई है उनके लिए मुआवजे की मांग की है। किसानों की मांग है कि जिन किसानों की आंदोलन के दौरान जान चली गई है, उनके साथ न्याय हो और उनके परिवारो को मुआवाज दिया जाए।

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आपको बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते 35 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। यह आंदोलन मोदी सरकार के लिए सबसे बड़ी मुसीबत साबित हो रही है। इस आंदोलन को ख़त्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच आज से पहले छह दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि इस बातचीत का अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। बुधवार को हुई 7वें दौर की बैठक में सरकार ने कुछ मुद्दों पर किसानों को भरोसा जरूर दिया है, लेकिन कृषि कानूनों को रद्द किये जाने वाली मांग पर अभी भी कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है।