चुनाव आयोग को दोष न दें, अपनी कमियों को उजागर करें; अखिलेश पर राजभर का एक और हमला

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बीते काफी समय से हमलावर सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर ने एक बार फिर हमला बोला है और कहा कि सपा अध्यक्ष को यह बताना चाहिए कि कैसे वह यूपी विधानसभा चुनाव में 125 सीटें जीत गए. ओपी राजभर ने तंज कसते हुए अखिलेश यादव को सलाह दी है कि उन्हें चुनाव आयोग को दोष नहीं देना चाहिए, बल्कि अपनी कमियों को उजागर करना चाहिए.

ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को यह बताना चाहिए कि कैसे वह 125 सीटें जीत गए. विधानसभा चुनाव में हार के लिए वह चुनाव आयोग पर गलत आरोप मढ़ रहे हैं. उन्हें चुनाव के दौरान टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक की अपनी कमियों को उजागर करनी चाहिए. राजभर ने कहा कि सही मायने में अखिलेश यादव को यह बोलना चाहिए कि चुनाव आयोग ने उन्हें 125 सीटें जितवा दी. नामांकन के अंतिम दिन तक जिस तरह से वह हर घंटे दो घंटे पर प्रत्याशियों के नाम बदल रहे थे, उसे देखते हुए 125 सीटों पर मिली जीत भी बड़ी है.

ओपी राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को पता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा की क्या स्थिति होने वाली है. यही वजह है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को अभी से आगाह कर रहे हैं. वह बता रहे हैं कि पार्टी की हार का कारण चुनाव आयोग है ताकि 2024 में मिलने वाली हार का ठीकरा वह चुनाव आयोग पर फोड़ सकें.

वहीं, गठबंधन टूटने पर उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने में अगर यह मान लिया जाए कि मैं गलत हो सकता हूं तो फिर बहन मायावती की बसपा और कांग्रेस से उनका गठबंधन कैसे टूट गया. सही बात तो यह है कि अखिलेश यादव को किसी पर भरोसा ही नहीं है. अखिलेश यादव 79 ओबीसी जातियों की सरकारी नौकरियों में स्थिति के आंकलन की प्रदेश सरकार के फैसले में अड़ंगेबाजी कर रहे हैं, वह कह रहे हैं कि पहले जातीय जनगणना कराई जाए.

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ओपी राजभर ने सवाल किया कि सरकार में रहते हुए अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आजम खान जब जेल में बंद थे, तब अखिलेश यादव उनसे मिलने जेल में नहीं गए लेकिन रमाकांत यादव से वह जेल में मिलने जाएंगे. उन्हें सिर्फ अपनी बिरादरी के नेताओं की चिंता है बाक़ी जातियों की कोई चिंता नहीं है.