कोरोना वैक्सीन मिलने पर डोमिनिकन गणराज्य के पीएम हुए भावुक, खुद उतारे टीके

मुंबई कोरोना वायरस महामारी को हराने के लिए भारत में वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो चुका है। दुनिया कोरोना से लड़ सके इसीलिए भारत कई देशों को वैक्सीन दे रहा है। इसी कड़ी में भारत की वैक्सीन डोमिनिकन गणराज्य पहुंच गई है। भारत से कोरोना वैक्सीन पहुंचने पर डोमिनिकन गणराज्य के प्रधानमंत्री रूजवेल्ट स्केरिट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत के लोगों की जमकर तारीफ की है। 

यह भी पढ़ें: राम भक्तों पर अभद्र टिप्पणी कर अखिलेश यादव ने खड़ा किया नया विवाद, भड़क उठे साधू-संत

कोरोना वैक्सीन मिलने पर डोमिनिकन गणराज्य के पीएम हुए भावुक, खुद उतारे टीके

भारत की ओर से इस द्वीपीय देश में कोरोना वैक्सीन की 35,000 खेप पहुंची हैं। इससे यहां की 72 हजार की आबादी में से आधे लोगों की जीवन रक्षा हो सकेगी। डोमिनिकन प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे इतनी जल्दी भारत से वैक्सीन के तौर पर मदद मिलने की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने 19 जनवरी को भारत सरकार से दवा भेजने की अपील की थी।

मंगलवार को डोमिनिका के डगलस-चार्ल्स एयरपोर्ट पर भारत से वैक्सीन से भरा विमान पहुंचा। यह वैक्सीन पड़ोसी देश बारबाडोस के एयर नेशनल गार्ड के प्लेन से पहुंचीं। वैक्सीन को रिसीव करने के लिए खुद पीएम स्केरिट और उनके कैबिनेट सहयोगी मौजूद थे। यही नहीं खुद पीएम और उनके कैबिनेट सहयोगियों ने दवाओं को प्लेन से उतारने में सहयोग किया। भारत में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जैनेका की वैक्सीन को कैरिबियाई देशों में पहुंचाया गया है।

वैक्सीन पहुंचने के बाद आयोजित कार्यक्रम में डोमिनिकन पीएम ने कहा, ‘मैं यह कहूंगा कि मुझे इस बात की कल्पना भी नहीं थी कि हमारी गुजारिशों पर इतनी जल्दी जवाब मिलेगा। कोई भी यह समझ सकता है कि इस तरह के गंभीर संकट में किसी भी देश के लिए अपनी ही रक्षा करना एक चुनौती है। ऐसी स्थिति में पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से किए प्रयासों के चलते यह संभव हुआ। उन्होंने मेरिट के आधार पर हमारी मांगों को स्वीकार किया और हमारे लोगों की समानता को स्वीकार किया।’

कोरोना संकट में देश ही नहीं दुनिया को बचाने का आह्वान करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डोमिनिकल पीएम ने आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि भारत की ओर से बारबाडोस के लिए भी वैक्सीन भेजी गई हैं। भारत ने पड़ोसी देशों समेत दुनिया के कुल 25 देशों को 24 मिलियन डोज उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इन देशों में युगांडा, इक्वाडोर, निकारागुआ, मोरक्को और नामीबिया जैसे देश शामिल हैं।