दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को दो साल पहले हुए दिल्ली दंगों के मामलों में कई नेताओं को नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा है। अदालत ने इनसे पूछा है कि क्यों न इस केस में उनके खिलाफ पक्षकार के तौर पर मामला चलाया जाए। हाई कोर्ट ने जिन नेताओं को यह नोटिस भेजा है, उसमें कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं। इन सबके खिलाफ उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे से पहले कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए इनपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
दिल्ली दंगा: सोनिया-राहुल समेत कई नेताओं को नोटिस दिल्ली दंगा मामलों में सोनिया गांधी और उनके दोनों बच्चों के अलावा हाई कोर्ट से आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी नेता अमानतुल्लाह खान, एआईएमआईएम नेता वारिस पठान और अकबरुद्दीन ओवैसी के अलावा महमूद प्राचा, हर्ष मंदर और अभिनेत्री स्वरा भास्कर को भी नोटिस जारी किया गया है। इस याचिका में दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई है।
4 मार्च तक मांगा जवाब दिल्ली उच्च न्यायलय ने एक अलग याचिका के आधार पर बीजेपी नेताओं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद परवेश वर्मा, अभय वर्मा और कपिल मिश्रा के खिलाफ भी नोटिस जारी कर उनसे जवाब दाखिल करने को कहा है। इन सबपर भी कथित तौर पर दंगे से पहले भड़काऊ बयान देने के आरोप लगाए गए हैं और उनपर एफआईआर दर्ज करके मुकदमा चलाने के निर्देश जारी करने की गुहार लगाई गई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने सभी से 4 मार्च तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
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गौरतलब है कि भारत में कोविड की पहली लहर शुरू होने से पहले 23 फरवरी से 26 फरवरी, 2020 के दौरान सीएए आंदोलन के बीच में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़के थे, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 580 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए थे।