किसानों के खिलाफ LOC के रूप में तब्दील हुआ दिल्ली बॉर्डर, उठा सवालों का सैलाब

राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पिछले दो महीने से जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन की वजह से गाजीपुर बॉर्डर को ट्रैफिक की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस ने दिल्ली बॉर्डर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। स्थिति यह है कि दिल्ली की सीमाएं देश की सीमाओं के रूप में तब्दील नजर आ रही है, जहां बाड़ेबंदी तो की ही गई हैं, साथ ही कीलें भी लगाई गई है।

बॉर्डर पर की गई सुरक्षा को लेकर किसान नेता ने कसा तंज

मंगलवार को ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आउटर रेंज ने जानकारी देते हुए बताया कि आनंद विहार, चिल्ला, डीएनडी, अप्सरा, भोपुरा और लोनी बॉर्डर से वैकल्पिक मार्ग ले सकते है। सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात किया गया है।

एक न्यूज रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, बॉर्डर पर की गई इस व्यवस्था को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि वो नंबर उन्हें चाहिए जिसपर सरकार ने कहा है कि वो एक फोन कॉल ही दूर हैं। राकेश टिकैत बोले कि जब वो पहले दिल्ली जा रहे थे, तब भी रास्तों में कीले लगाई गई थीं। अब हमें दिल्ली जाना ही नहीं है, तो फिर बॉर्डर पर कील क्यों लगा रहे हैं इससे जनता को परेशानी होगी।

भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जितने जनता के रास्ते बंद होंगे, उतना ही लोगों को पता लगेगा कि कौन किसके लिए कील लगा रहा है। ये रोटी को संदूक में बंद करने की साजिश है, ये जनता जान चुकी है। राकेश टिकैत बोले कि 6 फरवरी को जो बंद किया जाएगा, उसमें पब्लिक को परेशान नहीं किया जाएगा।

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किसानों की महापंचायत में लगातार नेताओं की एंट्री पर राकेश टिकैत ने कहा कि ये तो मेला है, जहां हर कोई आ रहा है। लेकिन कोई यहां पर आकर वोट तो नहीं मांग रहा है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन तो अब अक्टूबर-नवंबर तक जाएगा क्योंकि एक कहावत है कि जो मेले में खोता है वह मेले में ही मिलता है,  तो 4-5 दिन में मामला सुलझा नहीं तो पूरे एक साल तक जाएगा।