हाइब्रिड मोड में आयोजित होगी सीयूईटी की परीक्षा : यूजीसी चेयरमैन

  • अगले एक साल में यूजीसी नेट की तरह सीयूईटी प्रवेश परीक्षा भी दो बार करने की तैयारी
  • डुएल डिग्री शुरू करने के लिए संस्थान कर सकते हैं नेशनल कार्यक्रम फ्रेमवर्क के तहत कोर्स डिजाइन

लखनऊ। इस साल देश के केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित दूसरे विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का आयोजन इस बार हाइब्रिड मोड में आयोजित किया जाएगा। इसके तहत छात्रों को अब मल्टीप्ल च्वॉइस क्वेश्चंस (एमसीक्यू) के आधार पर सवालों का जवाब देना होगा। इस सिस्टम के लागू होने से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ज्यादा फायदा होगा। हाइब्रिड में होने से ज्यादा से ज्यादा बच्चे इसमें शामिल हो सकेंगे और इसके लिए अधिक स्कूलों को केंद्र बनाया जा सकेगा।


साथ ही यूजीसी नेट की तरह सीयूईटी कभी आयोजन साल में दो बार करने की तैयारी है यदि एडमिशन प्रक्रिया सुचारू रूप से हुआ तो दिसंबर या जनवरी में सीयूईटी की परीक्षा दोबारा हो सकती है। यह जानकारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने लखनऊ विश्वविद्यालय में शुरू हुए अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम-2024 में दूसरे दिन के पहले सत्र में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि इसके लिए आवेदन प्रक्रिया अगले एक सप्ताह में शुरू होने जा रही है हमारी कोशिश है कि अगस्त तक हम सारे केंद्रीय विश्वविद्यालय में एडमिशन प्रक्रिया को पूरा कर लें। उन्होंने कहा कि सीयूईटी में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक छात्र शामिल हो रहे हैं। ऐसे में इसको लेकर आने वाले दिनों में छात्रों में काफी रूझान बढ़ेगा और हमें इसी के अनुसार तैयारी करनी होगी।

यूजीसी चेयरमैन ने नॉर्थ ईस्ट स्टेट शिलांग यूनिवर्सिटी के कुलपति द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में सीयूईटी को लेकर हो रहे बदलाव पर जानकारी दी। उन्होंने बड़ी संख्या में कुलपति और तमाम शिक्षाविदों से कंप्लेंट न करके इंस्पायर करने की बात कही।यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि नई शिक्षा नीति को लागू करना कोई स्प्रिट की दौड़ नहीं है यह एक मैराथन है जिसे धीरे-धीरे ही लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यूजीसी इसीलिए सभी विश्वविद्यालयों के साथ समय-समय पर इस तरह के चर्चायें और वर्कशॉप आयोजित कर नई शिक्षा नीति में क्या बदलाव करना है और क्या चीज हटाना है। इसको उनके साथ साझा करता है।

सत्र के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में यूजीसी चेयरमैन ने कहा कि संस्थाओं और विश्वविद्यालय को एनईपी के तहत डुएल डिग्री कोर्स को शुरू करने को लेकर काफी असमंजस की स्थिति सामने आई है। उन्होंने कहा कि नेशनल टेलीकॉम फ्रेमवर्क के तहत विश्वविद्यालय अपने स्तर से डुएल डिग्री कोर्स शुरू कर सकते हैं इसके लिए उन्हें किसी भी रेगुलेटरी अथॉरिटी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी मान्यता की शर्तें अक्षर पूरी करनी होती है जबकि फ्रेमवर्क के तहत आप आसानी से किसी कोर्स के साथ दूसरा कोर्स शुरू कर सकते हैं इसीलिए इसको अनूप के साथ लाया गया है।


अपने सब्जेक्ट से हटकर दूसरे सब्जेक्ट से भी पीएचडी कर सकेंगे छात्र


यूजीसी चेयरमैन प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा कि इस बार यूजीसी नेट की परीक्षा में इंडियन नॉलेज सिस्टम का एक पेपर आयोजित कराया गया है, जिसके तहत छह बच्चों ने इस परीक्षा को पैन इंडिया क्लियर किया है। यह बच्चे अब पोस्ट ग्रेजुएट में जो सब्जेक्ट था उससे हटकर दूसरे सब्जेक्ट से पीएचडी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी छह बच्चों को पीएचडी एडमिशन होने के बाद मिलने के लिए यूजीसी हेडक्वार्टर बुलाया जाएगा और उनके अब तक के अनुभव को पूछा जाएगा।

उन्होंने बताया कि कोई भी स्टूडेंट यूजीसी आईपीएस का पेपर देकर किसी भी सब्जेक्ट से पीएचडी कर सकता है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ऐसे स्टूडेंट जो डुएल डिग्री या मैं शिक्षा नीति के तहत कोर्स करके आ रहे हैं उनका अपार आईडी होना अनिवार्य किया गया है यह अपार ईद होने से उन्हें किसी भी दूसरे विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए माइग्रेशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं पड़ेगी सिर्फ अपार आईडी देने पर ही उन्हें प्रवेश मिल जाएगा।

इस सत्र में मौजूद विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपति ने यूजीसी चेयरमैन से कई तरह के सवाल जवाब भी किया। इसमें राजस्थान के सीकर विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि उनके विश्वविद्यालय में छात्रों की संख्या अधिक है पर छात्र यहां पढ़ाई में रुचि कम दिखते हैं और क्लासेस भी काम आते। इस पर यूजीसी चेयरमैन ने उन्हें सलाह दी कि बच्चों को क्लास में लाने या पढ़ने के लिए फोर्स नहीं किया जा सकता। यह डिपेंड करता है कि जो लेक्चर हम दे रहे हैं वह कैसा है हम भी अपने समय में बोरिंग लेक्चरर्स छोड़ दिया करते थे। ऐसे में टीचर्स को अपने लर्निंग मेथड को इंटरेस्टिंग बनाना होगा बच्चे खुद-ब-खुद क्लास में आना शुरू कर देंगे।