मल्लिकार्जुन खरगे के बयानों के कुछ अंश को सदन की कार्यवाही से हटाने को लेकर छिड़ा विवाद,  जानिए पूरा मामला

राज्यसभा में नेता सदन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा कही गई बातों के कुछ अंश को सदन की कार्यवाही से हटाने को लेकर विवाद हो गया है। कांग्रेस ने इसे तानाशाही करार दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को इस बारे में चिट्ठी लिखी और पूछा कि पार्टी नेता राहुल गांधी के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसदीय रिकॉर्ड से क्यों हटाया गया।

मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि उन्होंने पीएम मोदी के बारे में कुछ भी असंसदीय नहीं कहा। इससे पहले राहुल गांधी ने तमाम आरोप लगाते हुए पूछा था कि प्रधानमंत्री और अडानी के बीच क्या संबंध है? तब लोकसभा स्पीकर ने राहुल के भाषण ऐसे अंश को भी हटा दिया था।

मोदी को मौनी बाबा कहने पर हुई थी खरगे की खिचाई

इससे पहले अडाणी मसले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग पर अड़े विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच राज्यसभा में बुधवार को कई बार तीखी नोकझोंक हुई तो कई बार हल्के-फुल्के क्षण भी नजर आए।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष किया और अडाणी मुद्दे पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन्हें मौनी बाबा तक कह डाला। इस पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी उनके कद के अनुरूप नहीं है।

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पद्र चर्चा के दौरान खरगे और सभापति धनखड़ के बीच लंबी नोकझोंक हुई। खरगे ने कहा, मैं पीएम से पूछना चाहता हूं कि आप इतने शांत क्यों हैं। आप हर दूसरे व्यक्ति को डराते हैं, आप उद्योगपतियों को क्यों नहीं डरा रहे हैं? नफरत फैलाने वाले लोग, अगर पीएम ने उन पर नजर उठाई तो वे यह सोचकर बैठ जाएंगे कि मुझे इस बार टिकट नहीं मिलेगा। लेकिन आज उन्होंने चुप रहना चुना है। वह मौनी बाबा बन गए हैं।