CM चन्नी यूपी-बिहार वालों को कोसते रहे, प्रियंका मुस्कुराती रहीं, बोले- ‘भईयों को फटकने न देना’

नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Election 2022) और पंजाब चुनाव (Punjab Poll 2022) में धुआंधार प्रचार कर रही हैं. यूपी की जनसभाओं में वो खुद को यूपी की बेटी (UP Ki Beti) बताती हैं. यूपी की महिलाओं और युवाओं को अपना बताती हैं. महिलाओं और युवाओं के मुद्दों पर तीखी बहस करती हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि उनके ये तेवर सिर्फ यूपी की सीमा तक रहते हैं. पंजाब पहुंचने के बाद यही यूपी वाले, प्रियंका के लिए लिए बाहरी हो जाते हैं.

जो बाहर से आते हैं..उन्हें पंजाबियत सिखाइए: प्रियंका

पंजाब में प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि पंजाब पंजाबियों का है.. यहां कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी. ये जो बाहर से आते हैं.. उन्हें पंजाबियत सिखाइए. इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने फौरन अपने हाथ में माइक लेकर फौरन यूपी-बिहार और दिल्ली वालों पर तंज कसना शुरू कर दिया. प्रियंका गांधी इस दौरान पर चुप रहने के साथ बीच बीच में मुस्कुराती रहीं. चन्नी ने अपने अपनी बात की शुरुआत प्रियंका को पंजाबियों की बहू बताने के साथ की. इसके बाद उन्होंने जो कुछ कहा उससे यूपी, बिहार और दिल्ली वाले बिलकुल भी पसंद नहीं करेंगे.

‘चन्नी का बयान’

चन्नी ने पब्लिक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘यूपी दे, बिहार दे, दिल्ली दे भईए आके इते राज नई करदे’. इस पर प्रियंका खुद भी नारे लगाने लगती हैं. दरअसल इस ‘भईये’ शब्द का प्रयोग उत्तर भारतीयों पर तंज कसने या ताना मारने के लिए किया जाता था. महाराष्ट्र में तो बाल ठाकरे के दौर में यूपी-बिहार के लोगों को इस खास शब्द ‘भईया’ कहकर पुकारा जाने लगा था. तभी से यह एक शब्द यूपी के लोगों के लिए तंज की तरह हो गया है.

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रूपनगर में दिया बयान

ये वाकया पंजाब के रूपनगर का है. 15 फरवरी को प्रियंका गांधी पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ यहां पहुंची थीं. रैली के बाद वे मंच तक आईं. हाथों में माइक लेकर अपनी बात शुरू की. उन्होंने कहा कि समझदारी का इस्तेमाल करो. चुनाव का समय है. लंबी-लंबी बातें नहीं कहना चाहती. लेकिन पंजाब के लोगों, बहनों-भाइयों जो आपके सामने है, उसे ठीक से पहचानो. आपमें बहुत विवेक है. समझदारी है. उस समझदारी का इस्तेमाल करो. फिर बोली पंजाब पंजाबियों का है. पंजाब को पंजाबी चलाएंगे. यहां कोई नई राजनीति नहीं मिलेगी. ये बाहर से जो आते हैं आपके पंजाब में उन्हें सिखाइए पंजाबियत क्या है. पंजाब मेरी ससुराल है. बस इसके बाद चन्नी शुरू हुए तो फिर यूपी-बिहार (UP-Bihar) और दिल्ली वालों को बहुत कुछ सुना गए.