चीन की एप भारतीयों को कर रही है आत्महत्या करने पर मजबूर, ईडी ने उठाया बड़ा कदम

साल 2020 में चीन के वुहान से आए वायरस ने पूरी दुनिया भर में हाहाकार मचा कर रख दिया, और अब इस संकट के समय भी चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीन की कुछ कंपनियां भारतीय ग्राहकों को पहले तो लोन का लालच देती हैं और फिर उन्हें इस कोरोना महामारी के संकटकाल में डरा धमकाकर अपनी जान लेने पर मजबूर कर देती हैं। ये आरोप चीन के लोन देने वाले कुछ एप कंपनियों पर लगे हैं। इन कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। ईडी ने ऐसी ही कुछ चीनी कंपनियों और देश की बड़ी वित्तीय तकनीकी कंपनी रेजरपे से जुड़ी 76.67 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने अपने बयान में कहा है कि यह मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत एक आपराधिक जांच है, जो बंगलूरू में सीआईडी की ओर से दर्ज की गई कई एफआईआर के आधार पर की गई है। सीआईडी को कई ग्राहकों से इस बारे में शिकायतें मिली थीं, जिन्होंने चीनी एप के जरिए लोन लिए थे और कर्ज नहीं चुका पाने की स्थिति में लोन कंपनियों के एजेंट उनका उत्पीड़न करते थे।

आपराधिक जब्ती का यह पहला मामला

देश में लॉकडाउन के दौरान और कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच ऐसे ग्राहकों की खुदकुशी की कई घटनाएं सामने आई थीं। इन कंपनियों पर ग्राहकों को ऊंची ब्याज दरों पर पैसे देने और उन्हें न चुका पाने की स्थिति में ब्लैकमेल करने और जबरन वसूली के आरोप हैं। ईडी द्वारा की गई यह कार्रवाई आपराधिक जब्ती का पहला मामला है। सात कंपनियों पर कार्रवाई की गई है, इनमें से तीन वित्तीय तकनीकी कंपनियां हैं, जिनके नाम हैं मैड एलीफैंट नेटवर्क टेकभनोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, बैरीयोनॉक्स टेकभनोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और क्लाउड एटलस फ्यूचर टेकनोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड. ये तीनों चीनियों के नियंत्रण में हैं।

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लोन का देती हैं प्रस्ताव, फिर ब्याज की ऊंची दरों पर करती हैं वसूली

ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि चीनी लोन कंपनियों ने लोगों को पहले लोन के प्रस्ताव दिए और एक बार लोन लेने के बाद उनसे भारी-भरकम ब्याज दरों और प्रक्रिया फीस की वसूली की। इन एप कंपनियों के कॉल सेंटर वसूली के लिए लगातार अपने ग्राहकों को धमकाते हैं और उनका उत्पीड़न करते हैं। यहां तक कि अपने एजेंटों के जरिये उनकी सरेआम बेइज्जती भी करते हैं। लोन लेने के दौरान वे ग्राहकों के फोन का डाटा भी हासिल कर लेते हैं और बाद में उनके फोटो, नंबरों के आधार पर बदनाम करने की धमकी देते हैं।