लखनऊ की चिकनकारी का नया अवतार, अब दीवारों व छतों की भी बढ़ाएगी शोभा

लखनऊ। राजधानी का ओडीओपी उत्‍पाद चिकनकारी अब सिर्फ शरीर की सुंदरता ही नहीं बढ़ाएगा बल्कि घर की दीवारों व छतों को भी चार चांद लगाएगा। लखनऊ की चिकनकारी अब नए अवतार में सामने आने वाली है। एमएसएमई विभाग और एकेटीयू की ओर से आयोजित होने वाली हैकथॉन में छात्रों ने कुछ इस तरह के आइडियाज दिए हैं। इन छात्रों के आइडियाज को अंतिम राउंड के लिए चयनति किया गया है। 27 मई को छात्र अपने आइडियाज एमएसएमई व एकेटीयू के अधिकारियों के सामने प्रस्‍तुत करेंगे।

एकेटीयू के सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडीज एवं  एमएसएमई विभाग द्वारा  “एक जनपद एक उत्पाद” योजना के अंतर्गत लखनऊ की चिकनकारी एवं जरी-जरदोजी पर ऑनलाइन हैकथान का आयोजन किया जा रहा है|  इसे लेकर एकेटीयू से सम्‍बद्ध संस्‍थानां के छात्रों ने 78 आइडिया एकेटीयू को भेजे है। यूपी के ओडीओपी उत्‍पादों को तकनीक व प्रबंधन से जोड़ने व बढ़ावा देने के लिए एमएसएमई विभाग और एकेटीयू के बीच एमओयू हुआ है। इसी एमओयू के तहत 27 मई को ऑनलाइन हैकथॉन का आयोजन होने जा रहा है।

कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने बताया कि कोरोना महामारी ने जन जीवन के साथ छात्रों के पठन-पाठन को प्रभावित किया है। ऐसे में इस तरह की प्रतियोगिताओं के जरिए छात्रों की सकारात्‍मक सोच को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी। हैकथान के समन्वयक डॉ अनुज शर्मा ने बताया कि छात्रों के आइडियाज को तीन भागों ब्रांडडिंग, तकनीक व प्रबंधन में बांटा गया है। इन श्रेणियों में ब्रैंडिंग में दो, मार्केटिंग में पांच, मैन्युफैक्चरिंग में छह और डिज़ाइन में पांच आइडिया को चुना गया है। खासकर छात्रों की रूचि परम्परागत उत्पाद के बेहतर मनुफैचरिंग और मार्केटिंग की ओर है, जिससे इस परम्परागत उत्पाद को नई पहचान दिलाई जा सके।

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उन्‍होंने बताया कि कुछ छात्रों ने प्रस्‍ताव भेजा है कि चिकनकारी सिर्फ पहनने वाले कपड़ों पर इस्‍तेमाल होती है। इनके डिजाइन में बदलाव कर इसे दीवारों व छतों की सजावट में भी इस्‍तेमाल कर सकते हैं। वहीं, कुछ छात्रों का प्रस्‍ताव है कि चिकनकारी में जो कपड़ा इस्‍तेमाल होता है। उसके रंग बहुत कॉमन होते हैं। ऐसे में नए रंगों पर चिकनकारी की जाना चाहिए।