मुख्यमंत्री योगी ने सपा को दिखाया सच का आइना, सिखाया लोकतंत्र और सदन का पाठ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के दौरान हंगामा करने पर विपक्ष के नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने स्टेट गेस्ट हाउस कांड का जिक्र कर समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि उनका तो इतिहास महिलाओं को अपमानित करने वाला रहा है। इन लोगों को कम से कम सदन में तो गरिमा बनाए रखना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर बोला जोरदार हमला

उन्होंने विपक्ष के सदस्यों को आईना दिखाते हुए कहा कि अगर वह सोचत हैं, कि सदन में उद्दंडता, चिल्लाने पर उनकी तारीफ होगी तो यह उनकी गलतफहमी है। मुख्यमंत्री गुरुवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर विधान परिषद को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की परिपाटी रही है कि वर्ष के प्रारंभ में संसद के सत्र का शुभारंभ राष्ट्रपति के अभिभाषण और किसी भी राज्य के विधानमंडल के सदनों की कार्यवाही को राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से आगे बढ़ाया जाता है। ये संवैधानिक पद हैं और अपने आप में एक संस्था हैं। लोकतंत्र के प्रति, लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जिनके भी मन में सम्मान का भाव है, उन सब का दायित्व बनता है कि वह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इन संस्थाओं का थोड़ा सम्मान करें तथा दूसरों को भी उसके लिए प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हर नागरिक का दायित्व है और राजनीतिक दलों से तो ऐसी उम्मीद की ही जाती है। लेकिन, राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का जो आचरण देखने को मिला उसे लोकतंत्र मजबूत नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य होता है कि अच्छी चीज सीखी जाती है। अच्छी चीजों को स्वीकारा जाता है, खराब चीजों को छोड़ा जाता है। लेकिन, यहां पर उल्टा देखने को मिलता है अच्छी चीजों को छोड़ा जाता है और खराब चीजों को परिपाटी मानकर और खराब कैसे किया जा सकता है इसके लिए प्रतिस्पर्धा की जाती है।

उन्होंने कहा कि इससे लोकतंत्र मजबूत होने वाला नहीं है। इस वजह से सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले नेता विश्वसनीयता के संकट से गुजरते हैं। उन्होंने कहा कि लोग हमें संदेह की नजरों से इसीलिए देखते हैं। अगर किसी को यह गलतफहमी होगी कि वह जितनी उद्दंडता कर लेगा या जितनी जोर से सदन में चिल्ला लेगा, इसके लिए उसकी तारीफ होगी तो यह उसकी गलतफहमी है। जनता इसे बहुत अच्छे ढंग से नहीं देखती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सबका दायित्व बनता है कि अपने आचरण, अपने व्यवहार से ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करें कि जनता उसका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले जो नेता शब्द सम्मान का प्रतीक था। आजादी के बाद धीरे-धीरे उसमें क्षरण होता गया और आज यह स्थिति पैदा हुई है कि वही शब्द अपमानजनक प्रतीत होने लग गया है। हर व्यक्ति उसके लिए जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा अभिभाषण के दौरान राज्यपाल के प्रति विपक्ष के व्यवहार को सवाल उठाया और कहा कि एक महिला के प्रति भी इस तरह व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल को छोड़ दें तो उनके जो अन्य सहयोगी हैं, उनसे बहुत उम्मीद भी नहीं की जाती। महिलाओं का अपमान करने का उनका पुराना इतिहास भी रहा है। प्रदेश के स्टेट गेस्ट हाउस कांड को कौन नहीं जानता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लेकिन, सदन के अंदर तो कम से कम इन चीजों को बचा कर रखना चाहिए। इसके बावजूद समवेत सदन में भी उसी प्रकार का आचरण और व्यवहार हम सब को देखने को मिला।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे लोकतंत्र मजबूत नहीं होता है। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत नहीं होती है। अगर इस प्रकार की गलत परम्पराओं को हम सदन का हिस्सा बनाते हैं तो इससे किसी का भला नहीं होने वाला है, ना सत्ता पक्ष का ना विपक्ष का, ना जनता का और ना किसी राजनीतिक दल का। उन्होंने कहा कि लेकिन अच्छी बातें स्वभाव की बात है। बहुत सारे लोग अपने स्वभाव को बदल नहीं सकते हैं। हम ऐसे लोगों को सही रास्ते पर लाने का प्रयास करें, सही तथ्यों को बताने का प्रयास करें, पर वह नहीं समझेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी से जहां विश्व की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोरोना के खिलाफ प्रभावशाली ढंग से लड़ाई लड़ी। भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जिसने कोरोना की दो वैक्सीन दी है। जब कोरोना के मामले आना शुरू हुए तो उत्तर प्रदेश में टेस्ट करने क्षमता नहीं थी। लेकिन, आज यह स्थिति है कि उत्तर प्रदेश के पास हर रोज दो लाख टेस्ट करने की क्षमता है। हर जनपद में आईसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था की है। आज के जो आकड़े हैं उसके अनुसार, प्रदेश में सिर्फ दो हजार कोरोना संक्रमित मरीज हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन लगने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने पलायन किया। दिल्ली से लाखों मजदूर यूपी आना शुरू हुए। प्रदेश सरकार ने सबको भोजन और साधन मुहैया करवाया। यह सब कुछ हमने बिना किसी की जाति या धर्म देखे किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें ये संस्कार दिया था और कहा था कि आदमी न तो बड़ा होता है न छोटा होता है आदमी सिर्फ आदमी होता है।

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इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप तो पुलिस विभाग में रह चुके हैं। आज मैं पूरे विश्वास से कहता हूं कि अगर आप आज पुलिस में होते तो आपका डंडा सपा के लोगों पर ही सबसे पहले चलता। पता नहीं अब उनके साथ कैसे बैठे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अच्छे व्यक्ति हैं पर गलत दल में हैं। इस पर मुख्यमंत्री योगी के भाषण के बीच में ही अहमद हसन ने कहा कि मैं बिल्कुल सही दल में और सही जगह पर बैठा हूं।