छिन गई बीजेपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी, राज्यपाल को देना पड़ा अपने पद से इस्तीफा

उत्तराखंड में एक बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिल रहा है। सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लेकर जिस बात के कयास लगाए जा रहे थे, अब उन कयासों पर पूर्व विराम लग गया है। दरअसल, त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को राजभवन पहुंचकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि राजभवन में उन्होंने सूबे की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को अपना इस्तीफा सौंपा।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा

मिली जानकारी के अनुसार, बीते कुछ समय से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की वजह से बीजेपी हाईकमान उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन का बड़ा फैसला ले सकती है। इसके साथ ही अगले मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भी कयासों के बाजार में गर्मी काफी तेज थी। अब त्रिवेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर एक कयास पर तो पूर्ण विराम लगा दिया है लेकिन अगले मुख्यमंत्री का चेहरा अभी भी साफ़ नहीं हो सका है।

बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट और धन सिंह रावत का नाम आगे है। तीनों में से किसी एक को नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, सतपाल महाराज ने इस सिलसिले में संघ के प्रमुख नेताओं से मुलाकात भी की थी। कहा जा रहा है कि नए सीएम के लिए सतपाल महाराज के नाम पर भी चर्चा चल रही है।

आपको बता दें कि बीते दिनों बीजेपी उपाध्यक्ष रमन सिंह के नेतृत्व में पर्यवेक्षकों की टीम उत्तराखंड पहुंची थी, जिसने बाद में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इस रिपोर्ट में त्रिवेंद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला लिया गया था।

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मंगलवार सुबह त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिल्ली जाकर जेपी नड्डा से मुलाक़ात की। आज ही दिल्ली से लौटे हैं। इस बात की जानकारी देते हुए बीजेपी विधायक और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने बताया था कि मुख्यमंत्री की हाईकमान से बातचीत जारी है। आज भी उनकी राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात हुई है। अपने अगले कदम की जानकारी मुख्यमंत्री खुद देंगे।

आपको यह भी बता दें कि वर्ष 2000 से लेकर अभी तक बीजेपी तीन बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर चुकी है। लेकिन बीजेपी का कोई भी मुख्यमंत्री निर्धारित 5 वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है।