चमोली हादसा : घायल लोगों की मानसिक स्थिति अभी भी स्थिर नहीं, एक घायल ने बताई अपनी दर्दनाक हादसे की कहानी

चमोली जिले में अभी कुछ दिन पहले नमामि गंगे परियोजना के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में एक हादसा घटित हुआ था। ऐसा लगा मानो मौत खुद अपनी ओर खींच ली हो। आपको बता दे, धीरेंद्र रावत नाम के एक व्यक्ति जो की चमोली के निवासी और महिंद्रा शोरूम के मैनेजर हैं। चमोली इस हादसे में धीरेंद्र रावत ने एक दिल दहला देने वाले अनुभव को साझा किया है।

आपको बता दे, इस भयानक हादसे के बाद भी अभी भी उन घायलों के मन में उस दिन के घटनाक्रम की भीषण छाया बनी हुई है। एम्स में दो दिनों के उपचार के बाद, धीरेंद्र रावत घर वापस पहुंचे और उन्होंने अपनी भयानक अनुभवों को बताया। उन्होंने बताया कि बकौल धीरेंद्र का शव प्लांट के प्लेटफार्म पर गिर गया था और परिजन उसके चारों ओर बैठे हुए रो रहे थे।

धीरेंद्र रावत ने बताया कि पुलिस अधिकारी जल संस्थान के जेई समेत अन्य लोग भी मौके पर खड़े थे, तभी वहां अचानक तेज करंट वहां फैल गया था। वह उस समय थोड़ी दूरी पर सीमेंट के पिलर के सहारे खड़े थे। रेलिंग ऊँची होने के कारण वह छलांग भी नहीं लगा सकते थे। धीरेंद्र को बार-बार करंट लग रहा था। उस समय उन्हें को रेलिंग से नीचे झाड़ियों में कूदने का विचार आया और बिना सोचे ही वह वहां से नीचे कूद पड़े। जब उन्हें होश आया तो वह जिला अस्पताल में थे। हादसे के घायल लोगों के मानसिक स्थिति अभी भी स्थिर नहीं हुई है। धीरेंद्र रावत ने बताया कि उनके मन में अभी भी उस भयानक दिन का खौफ बना हुआ है।

इस खतरनाक हादसे की जांच के लिए उच्च प्राधिकरण द्वारा एक अधिकारी की नियुक्ति की गई है। यह घातक घटना लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की जरूरत को दर्शाती है। लोगों को खतरे से बचने के लिए सीमेंट पिलर और ऊँची रेलिंगों के करीब न जाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इस तरह के संरक्षण सम्बन्धी नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी है।

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