370 हटाने के बाद कश्मीर को लेकर केंद्र ने फिर लिया बड़ा फैसला, तेज हुई सियासी हलचल

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के करीब दो साल बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, पीएम मोदी ने आगामी 24 जून को जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलाई है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत मोदी सरकार के कई धुरंधर शामिल होंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को लेकर चर्चा की जा सकती है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर भी चर्चा होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र ने राजनीतिक दलों को भेजा न्योता

बताया जा रहा है कि इस बैठक के लिए बीते शुक्रवार तक नौ राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया जा चुका है। उम्मीद लगाईं जा रही है कि इस बैठक में करीब 16 पार्टियां हिस्सा लेंगी। केंद्र ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को मीटिंग में आमंत्रित किया है। ऑल पार्टी मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के शामिल होने की भी संभावना है।

महबूबा मुफ्ती ने पुष्टि की है कि 24 जून को होने वाली मीटिंग के लिए उनके पास फोन आया था। उन्होंने कहा कि मीटिंग में जाने का मैंने अभी फैसला नहीं किया है। मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से चर्चा करके आखिरी फैसला लूंगी।

वहीं, सीपीएम नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कार डिक्लेरेशन (PAGD) के प्रवक्ता एमवाय तारीगामी ने बताया कि उनके पास अभी तक दिल्ली से कोई फोन नहीं आया है, लेकिन अगर उन्हें आमंत्रित किया जाता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के साथ एंगेजमेंट के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। हालांकि, मुझे मीटिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसा होता है तो इसका स्वागत किया जाएगा।

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जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहाकि मैं स्वागत करता हूं, अगर और कभी बातचीत होती है। जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए बातचीत ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने आगे कहा कि देर आए, दुरुस्त आए, क्योंकि हमारी सभी समस्याओं को समाधान दिल्ली के पास है और कहीं नहीं है।