सीबीआई ने तेज की बंगाल हिंसा मामले की जांच, लेकिन नहीं मिल रहा पुलिस का साथ

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सूबे में हुई सियासी हिंसा मामले की जांच कर रही सीबीआई को बंगाल पुलिस का साथ नहीं मिल रहा है। दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनावी हिंसा मामले की रिपोर्ट बंगाल पुलिस सीबीआई को सुपुर्द नहीं कर रही है।  

सीबीआई को हाईकोर्ट के समझ पेश करनी है रिपोर्ट

बताया गया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई चुनाव बाद हिंसा मामलों की जांच कर रही है। सीबीआई के अनुसार राज्य पुलिस महानिदेशक और जिला पुलिस प्रशासन से कई बार हिंसा से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके बावजूद किसी तरह की कोई भी जानकारी राज्य पुलिस ने जांच एजेंसी को उपलब्ध नहीं कराई है। इसके बाद सीबीआई की टीम खुद प्रभावित लोगों से मुलाकात कर रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई है।

हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई छह सप्ताह के भीतर हिंसा की जांच संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी है। इसलिए जांच एजेंसी किसी भी तरह से देरी नहीं करना चाहती है। सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम चार टुकड़ी में बंट कर जांच शुरू कर चुकी है।

सोमवार को कोलकाता के बेलियाघाटा में चुनाव बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं की कथित पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे गए अभिजीत सरकार के घर जा कर जांच शुरू की थी। अभिजीत के भाई को ले जाकर सीबीआई की टीम ने बयान भी रिकॉर्ड कर लिया है।

यह भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री को मिला चंद्रकांत पाटिल का साथ, उद्धव सरकार पर किया तगड़ा पलटवार

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि अब जांच अधिकारियों की टीम प्रत्येक जिले का दौरा करेगी और चुनावी हिंसा पीड़ित लोगों से मुलाकात करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस से एफआईआर की प्रतियां और मामले का विवरण मांगा था लेकिन अभी तक कोई सहयोग नहीं मिला है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के सूत्रों ने बताया है कि कोयला और पशु तस्करी मामले की जांच सीबीआई के अधिकारी अखिलेश सिंह कर रहे थे। उन्हीं को चुनाव बाद हिंसा की भी जांच करने की जिम्मेदारी दी गई है।