‘हलाल मीट’ विवाद पर लकी अली ने चुप्पी तोड़ते हुए लिखा लंबा नोट, बताया मुस्लिमों के लिए क्या है हलाल के मायने?

हिजाब विवाद के बाद कर्नाटक में अब नया विवाद ‘हलाल मीट’ खड़ा हो गया है। मांस से जुड़े इस विवाद ‘हलाल मीट’ (Halal Meat) पर कुछ संगठनों ने प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को अल्टीमेटम तक दे दिया था। इस विवाद की शुरुआत कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब के मुद्दे पर आए फैसले से हुई है। अब बॉलीवुड सिंगर लकी अली ने सोमवार को इस चर्चित मसले पर बात की है। उन्होंने अपने प्रशंसकों और फैन्स को इस शब्द का अर्थ समझाने के लिए फेसबुक का सहारा लिया है।

लकी अली ने अपने नोट में लिखा, ‘हमारे प्यारे भारतीय भाइयों और बहनों, आशा करते हैं कि आप सब ठीक होंगे… मैं आपको कुछ समझाना चाहता हूं। ‘हलाल’ निश्चित रूप से इस्लाम के बाहर किसी के लिए नहीं है। यह सिर्फ इतना है कि कोई भी मुसलमान हर किसी तरह का उत्पाद अपने यहूदी रिश्तेदारों की तरह नहीं खरीदेगा, जो कि हलाल को कोषेर के समान समझते हैं।…. और तब तक कोई उत्पाद नहीं खरीदेंगा, जब तक यह प्रमाणित नहीं हो जाता है कि किसी उत्पाद के अंदर वही सामग्री है जिसका उपभोग करना उनकी सीमाओं में अंदर आता है।’

प्रसिद्ध अभिनेता और कॉमिक महमूद के बेटे लकी अली ने आगे लिखा, ‘अपने उत्पादों को मुस्लिम और यहूदी आबादी सहित सभी को बेचने के लिए, कंपनियों को कमोडिटी को ‘हलाल’ प्रमाणित या ‘कोषेर’ प्रमाणित के रूप में लेबल करना होगा। अन्यथा मुसलमान और यहूदी उनसे नहीं खरीदेंगे।’

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लकी अली ने आगे लिखा कि अगर ब्रांड अपने उत्पाद लेबल से ‘हलाल’ शब्द हटाना चुनते हैं, तो इस कदम से बिक्री में बाधा आना तय है। लेकिन अगर लोग ‘हलाल’ शब्द से इतने परेशान हैं तो उन्हें इसे अपने काउंटरों से हटा देना चाहिए, लेकिन फिर कोई यह बिक्री नहीं देख सकेगा कि क्या वही चीजों  की बिक्री हो रही होगी जो वे करते थे? सिंगर का कहना है कि यह सिर्फ पाठकों की समझ के लिए है।