बीएसएफ के जवान का शव पहुंचा गांव, शहीद को सलामी देने उमड़ा जनसैलाब

आगरा के गांव अकोला के लाल का शव गुरूवार सुबह गांव पहुंचा। शव गांव पहुंचते ही जनसैलाब उमड़ पड़ा। 31 वर्षीय सतीश कुमार चाहर का तिरंगा में लिपटा पार्थिव शरीर देख परिजनों के आंखों से नीर की धार नहीं रुकी। जवान को सलामी दी गई, जिसके बाद अतिंम संस्कार किया गया। सतीश की मौत जैसलमेर के पोखरण के लाठी-पोखरान में चल रहे युद्धाभ्यास के दौरान हो गई थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनपद आगरा के अकोला में रहने वाले सतीश कुमार बीएसएफ का जवान था। जैसलमेर के पोखरण के लाठी-पोखरान में चल रहे युद्धाभ्यास के दौरान जान चली गई। फायरिंग रेंज में तोप की बैरल फटने से यह हादसा हुआ। इसकी सूचना आते ही परिवार में कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। गुरूवार को सुबह तिरंगा में लिपटा पार्थिव शरीर देख परिजनों का रो-रोकर बेहाल हो गए। सेना के जवानों के श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये सलामी दी, जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।

पिता क्षेत्रपाल सिंह मुखिया ने बताया कि सतीश का 10 मार्च को 31वां जन्मदिन मनाया जाना था। चार भाई और दो बहनों में वह सबसे बड़े थे। घर पर सब लोगों में उत्साह था कि उनका आने वाला जन्मदिन धूमधाम से मनाएंगे। सब दस मार्च के आने का इंतजार कर रहे थे।

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परिजनों ने बताया कि मंगलवार रात 11 बजे सतीश के दोस्त से सूचना मिली। उसने बताया कि हादसे में चार जवान घायल हुए हैं। सतीश और इन चारों को अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने सतीश को मृत  बताया। सतीश अगस्त 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। इस समय उनकी तैनाती गुजरात के भुज में थी। युद्धाभ्यास के लिए पोखरण गए थे।