मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने पर बीजेपी अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान, नेताओं ने भी मिलाया सुर से सुर

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में वापसी पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि उनकी पार्टी पर कोई असर नहीं होगा। घोष ने कहा कि मुकुल रॉय अगर तृणमूल कांग्रेस में चले गए तो इससे ना तो संगठन पर असर होगा और ना ही उन्हें किसी बात की चिंता है। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी घोष के सुर में सुर मिलाया है।

मुकुल रॉय को लेकर बीजेपी सांसद ने भी दिया बड़ा बयान

पूर्व सांसद अनुपम हाजरा ने दावा किया कि गुटबाजी की राजनीति से पार्टी को नुकसान हो रहा है। भाजपा के प्रदेश महासचिव जयप्रकाश मजूमदार ने मुकुल रॉय को अपनी तरफ से बधाई देते हुए कहा कि उन्हें तत्काल भाजपा के सभी पदों को छोड़ देना चाहिए। मजूमदार ने कहा कि मुकुल दिग्गज नेता हैं। वह बंगाल की राजनीति का जाना पहचाना चेहरा हैं। हम उन्हें नयी पारी के लिए शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन क्या उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और अन्य सभी पदों को तत्काल नहीं छोड़ देना चाहिए? क्या उन्हें विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए क्योंकि वह कमल के निशान पर सीट जीते हैं।

रॉय अपने बेटे शुभ्रांशु के साथ शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस में लौट गए। पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें नहीं लगता कि रॉय के फैसले से उनकी पार्टी को कुछ नुकसान होगा क्योंकि साढ़े तीन साल पहले उनके भाजपा में आने से पार्टी को क्या फायदा हुआ, नहीं पता। घोष ने कहा कि इस समय हमें राज्य में हिंसा जैसे और गंभीर मुद्दों की चिंता है। हमें अपने कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की चिंता है, जिन्हें तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता निशाना बना रहे हैं।

अनुपम हाजरा ने मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में लौटने से कुछ घंटे पहले कहा था कि भाजपा में गुटबाजी की राजनीति की वजह से ऐसा हो रहा है। उन्होंने ट्वीट किया कि समय आ गया है कि भाजपा की प्रदेश इकाई इस तरीके पर रोक लगाए और नेताओं की योग्यता के हिसाब से उनका उपयोग किया जाए। हाजरा भी 2018 में तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आ गये थे। उन्होंने साफ किया कि वह हर परिस्थिति में भाजपा में रहेंगे।

उन्होंने कहा कि भाजपा में एक या दो नेताओं को ज्यादा तवज्जो दी गयी, वहीं बाकी की अनदेखी की गयी। माना जा रहा है कि वह तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए राजीव बनर्जी, वैशाली डालमिया और प्रबीर घोषाल की बात कर रहे थे, जो कुछ महीने पहले विशेष विमान से दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिलने गये थे। प्रदेश भाजपा के कुछ नेताओं का मानना है कि रॉय और सब्यसाची दत्ता समेत वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा चुनाव में अहमियत नहीं दी गयी, वहीं शुभेंदु अधिकारी और अभिनेता-नेता मिथुन चक्रवर्ती जैसे कुछ नेताओं को सारी जिम्मेदारी दे दी गयी। भाजपा की महत्वपूर्ण बैठकों में नहीं बुलाये जाने का संकेत देते हुए हाजरा ने कहा कि उम्मीद है कि प्रोटोकॉल के मुताबिक प्रदेश भाजपा की बैठकों में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा।

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उल्लेखनीय है कि राजीव बनर्जी भी भाजपा में रहते हुए भी पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर चुके हैं। इसके अलावा मुकुल रॉय के करीबी माने जाने वाले सब्यसाची दत्त ने भी पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़ा किया है जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।