बीजेपी विधायक ने राहुल गांधी-ओवैसी के खिलाफ खोला मोर्चा, कर दी रासुका लगाने की मांग

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में दंगा भड़काने के लिए फैलाए गए फेक वीडियो के मामले ने अब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी को अपनी जद में लिया है। इस मामले को लेकर लगातार दर्ज हो रही एफआईआर के क्रम में अब राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भी आवाज बुलंद हुई है। दरअसल, बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी और फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ पुलिस थाने में तहरीर दी है। अपने शिकायत पत्र में बीजेपी विधायक ने इन तीनों पर दंगा भड़काने की नियत से ट्वीट करने का आरोप लगाया है।

विधायक ने बुलंद की आवाज

इस बारे में जानकारी देते हुए बीजेपी विधायक ने कहा है तीनों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत एक्शन लेने को कहा है। उनका आरोप है कि वीडियो को जानबूझकर वायरल किया गया तांकि सामाजिक सौहार्द को खराब किया जा सके और इसे हिंदू मुस्लिम रंग दिया जा सके। बीजेपी विधायक ने कहा कि यह एक पूर्व सुनियोजित षडयंत्र हैं जिसके तहत देश में सांप्रदायिक दंगे करवा कर राज्य तथा देश को अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की कोशिश की गई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

इसके अलावा इस मामले में सपा कनेक्शन भी सामने आया है। लोनी बॉर्डर पुलिस ने सपा के लोकल नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर लिया है। उम्मेद पहलवान पर आरोप है कि 7 जून यानी जिस दिन एफआईआर दर्ज हुई उसी दिन पीड़ित बुजुर्ग को अपने बगल में बिठाकर उसके साथ फेसबुक लाइव किया था। इसके अलावा सपा नेता उम्मेद के कहने पर ही इंतजार ने आरोपी प्रवेश गुर्जर के खिलाफ जबरन उगाही की एफआईआर दर्ज करवाई थी।

आपको बता दें कि पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। पुलिस ने वायरल वीडियो के मामले में पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अय्यूब के अलावा अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद और मसकूर उस्मानी, लेखक सबा नकवी, द वायर और ट्विटर के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काना), 153ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 505 (शरारत), 120बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) जैसी धाराओं में केस दर्ज किया है।

यह भी पढ़ें: गाजियाबाद के फर्जी वीडियो मामले में सामने आया सपा कनेक्शन, दिग्गज नेता हुआ फरार

लोनी इलाके में एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई करने और जबरन उनकी दाढ़ी काटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद पुलिस ने और दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पीड़ित व्यक्ति का दावा था कि पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था। वहीं पुलिस ने दावे को झूठा बताया था और कहा कि सूफी अब्दुल समद की पिटाई करने वालों में हिन्दू-मुसलमान मिलाकर छह लोग शामिल थे और सभी उनके द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे।