किसान आंदोलन: बीजेपी नेताओं ने किसानों के मंच पर किया कब्जा, जमकर चले डंडे और बरसे पत्थर

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले सात महीने से जारी किसान आंदोलन एक बार फिर हिंसक हो हुआ है। दरअसल, बुधवार को आंदोलित किसानों ने आक्रामक रुख अख्तियार करते हुए बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जमकर हमला किया। बताया जा रहा है कि इस हमले में कई गाड़ियों के शीशे टूट गए। हालांकि, पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत करते हुए बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौके से निकाला।

किसानों ने बीजेपी कार्यकताओं पर बोला हमला

मिली जानकारी के अनुसार, यह हंगामा तक शुरू हुआ जब गाजीपुर बॉर्डर पर बीजेपी के जुटे कुछ कार्यकर्ता किसी नेता का स्वागत करने पहुंचे थे। इसी दौरान वहां बवाल शुरू हो गया और किसान-बीजेपी नेता आपस में भिड़ गए।   

इस हंगामें को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने बीजेपी नेताओं पर आरोप लगाए हुए कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता गाजीपुर बॉर्डर पर आए और हमारे मंच पर खड़े होकर अपने नेता को बुला ने लगे । उन्होंने कहा कि मंच सड़क पर है तो इसका मतलब ये नहीं है कि मंच पर आ जाओगे, अगर मंच पर आना है तो बीजेपी छोड़कर आओ, लेकिन यह दिखाना कि हमने गाजीपुर के मंच पर बीजेपी का झंडा फहरा कर कब्जा कर लिया, यह गलत है, ऐसे लोगों के बक्कल उधेड़ दिया जाएगा, प्रदेश में फिर कहीं भी नहीं जा सकते हैं, याद रख लेना।

राकेश टिकैत ने कहा कि अगर मंच पर झंडा लगाकर कब्जा करेंगे तो उनका इलाज करेंगे, हां मैं धमकी दे रहा हूं, मंच पर कब्जा करके किसी का स्वागत करेंगे, पुलिस की मौजूदगी में बीजेपी के लोग मंच पर कब्जा करना चाहते थे, अगर मंच इतना प्यारा है तो इस आंदोलन में शामिल हो जाओ, ऐसी बीमारी क्यों है।

वहीं भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने आज गाजीपुर बॉर्डर पर फ्लाईवे के बीच मंच के पास भारी संख्या में इकट्ठे होकर किसी नेता के स्वागत के बहाने ढोल बजाकर आंदोलन विरोधी नारे लगाए, भाकियू  कार्यकर्ताओं के मना करने लाठी डंडों से हमला किया, जिसमे किसान घायल हुए हैं।

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वहीं, अगले ट्वीट में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि भाजपा अब आंदोलन को हिंसा से तोड़ना चाहती है जिसका उदाहरण आज की गाजीपुर बॉर्डर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा है, सभी किसानों से अनुरोध है इनके बहकावे में ना आएं और अपने आंदोलन को बचाए रखें।