आर्य नगर सीट : सपा के गढ़ में कमल खिलाने में जुटी भाजपा

पिछले विधान सभा चुनाव में जब मोदी का मैजिक जनता में झूमकर चल रहा था तब भी आर्य नगर सीट में भाजपा को जीत नसीब नहीं हुई। हालांकि इससे पहले इस सीट पर भाजपा का ही कब्जा था और सपा के अमिताभ बाजपेयी ने भाजपा के दिग्गज नेता सलिल विश्नोई को हरा दिया था। इस सीट पर सपा चार बार जीत दर्ज कर चुकी है तो भाजपा दो बार। अब भाजपा इस सीट पर कमल खिलाने के लिए जुटी हुई है।

आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है और यहां चार बार जीत दर्ज कर चुकी है। हालांकि दो-दो बार यह सीट भाजपा और कांग्रेस के खाते में गई और एक-एक बार जनता दल व जनता पार्टी के उम्मीदवार को भी जनता ने मौका दिया। बसपा-सपा के गठबंधन के समय भी उम्मीदवार ने 1993 में जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में सपा के अमिताभ वाजपेयी ने भाजपा के विधायक सलिल विश्नोई को हराकर जीत दर्ज की। अब समाजवादी पार्टी जीत को कायम रखना चाहती है तो भाजपा भी हार का बदला लेने के लिए जुगत लगा रही है। भाजपा में कई दावेदार मैदान में उतरने को लेकर इसलिए बेताब हैं कि इस सीट के पूर्व विधायक सलिल विश्नोई एमएलसी बन चुके हैं। हालांकि वह भी दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि सलिल विश्नोई को टिकट नहीं दिया जाएगा। इसी के चलते वैश्य से लेकर ब्राह्मण उम्मीदवारों की लाइन लगी हुई है।

सबसे अधिक हैं मुस्लिम मतदाता

इस सीट पर सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता है और दूसरे नंबर पर वैश्य मतदाता है। तीसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाता है। मुस्लिम और ब्राह्मण समीकरण के चलते पिछले विधान सभा चुनाव में मोदी लहर होने के बावजूद सपा के अमिताभ बाजपेयी चुनाव मैदान मारने में सफल रहे। जानकारी के अनुसार यहां पर एक लाख दस हजार मुस्लिम मतदाता, नब्बे हजार वैश्य, 28 हजार ब्राह्मण और दो से चार हजार के बीच क्षत्रिय, कायस्थ मतदाता हैं। इसके साथ ही करीब 30 हजार मतदाता दलित है।

वैश्य उम्मीदवार पर दांव लगा सकती है भाजपा

विधानसभा सीट में मतदाताओं के लिहाज से सबसे अधिक मुस्लिम मतदाता है और दूसरे नंबर पर वैश्य मतदाता है। ऐसे में भाजपा वैश्य उम्मीदवार पर दांव लगाना अधिक उचित समझेगी। भाजपा जीत कि लिए वैश्यों के साथ दलितों को अपने पाले में करने में पांच साल से जुटी हुई है। जबकि दूसरी तरफ सपा से वर्तमान विधायक अमिताभ बाजपेयी ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। उनके साथ ब्राह्मण के साथ मजबूती से मुस्लिम मतदाता खड़ा हुआ है। इसके साथ ही पांच साल वह जनता के बीच रहे और दलित मतदाताओं में भी पैठ बनाते रहें। ऐसे में पूरी संभावना है कि भाजपा वैश्य उम्मीदवार को ही प्रमुखता देगी।

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एआईएमआईएम उम्मीदवार से भाजपा को मिलेगा बल

मुस्लिम बाहुल्य आर्य नगर सीट पर अबकी बार एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन अपना उम्मीदवार मुस्लिम उतारने का एलान कर चुके हैं। इससे भाजपा को सीधा फायदा मिलना स्वाभाविक है। पार्टी यह मानकर चल रही है कि एआईएमआईएम से मुस्लिम उम्मीदवार आने से मुस्लिमों के वोट में बटवारा होगा और वैश्य व दलित के साथ पार्टी की विचारधारा से जुड़े मतदाताओं के बदौलत चुनाव जीता जा सकता है।