अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने की देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने हरिद्वार में बैठक कर उत्तराखंड के चारधाम के लिए प्रदेश सरकार के देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया तो तीर्थ पुरोहित खुद व अपने यजमानों सहित चुनावों में भाजपा का विरोध करेंगे।

शुक्रवार को यहां अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने एक बैठक की। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चार धाम तीर्थ पुरोहित महासभा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चार धाम के अलावा उत्तराखंड के अन्य पवित्र स्थलों के लिए बनाए गए देवस्थानम बोर्ड का विरोध करने और उसे भंग करने की मांग का महासभा पूरा समर्थन करती है। इस संबंध में भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित महेश पाठक ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहित लंबे समय से देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग करते चले आ रहे हैं लेकिन दो-दो मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी उनकी मांग को नहीं माना जा रहा है। इसलिए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने निर्णय लिया है कि पूरे भारत के महासभा के सदस्य उत्तराखंड के पुरोहितों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानीं तो वे सरकार को बदलने का भी काम करेंगे।

बैठक में चार धाम तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने पत्रकारों को बताया कि जब तक सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है तब तक प्रदेश सरकार का विरोध जारी रहेगा और भाजपा की सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का कार्य भी तीर्थ पुरोहित करेंगे।

बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामकृष्ण तिवारी, डॉ राजेंद्र भारद्वाज, सुरेंद्र सिखोला, राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित वैद्य व सह प्रवक्ता अविक्षित रमन ने भी विचार रखे।