आलमबाग थाना चौराहे का नाम अब टीएन वाजपेई चौराहा हुआ

लखनऊI रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आलमबाग थाने चौराहे पर स्थित रेलवे कर्मचारी यूनियन पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ नेता टीएन बाजपेई की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

उनकी स्मृति में चौराहे का नाम “टी एन वाजपेई चौराहा” किए जाने पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि स्वर्गीय टीएन वाजपेई के बारे में मैंने बहुत सुना है,

अटल बिहारी वाजपेई जब प्रधानमंत्री थे तो 1999 मे शपथ लेने के बाद जब लखनऊ आए तो टीएन वाजपेई की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आए थे और मैं उसे समय शायद मुख्यमंत्री था और उस कार्यक्रम में मुझे भी भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टीएन बाजपेई की प्रतिमा पर अर्पित किए श्रद्धा सुमन
मैं महापौर सुषमा खर्कवाल को भी धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने इस चौराहे का नाम स्वर्गीय टीएन वाजपेई के नाम पर रखे जाने के संबंध में मुझसे पूछा। शिवपाल मिश्रा ने भी मुझसे चर्चा की और हमने क्षण भर भी बिना विलंब किया अंतरमन से उसकी स्वीकृति तुरंत दे दी।

वह अटल के अभिन्न मित्रों में से थे और मित्र ही नहीं अटल के मन में भी उनके प्रति सम्मान का भाव था। वह बहुत साधारण परिवार से थे लेकिन जुल्म और अत्याचार के खिलाफ जंग छेड़ने की कूबत अगर किसी के अंदर थी तो वह पीएम वाजपेई के अंदर थी।

1945 में वह लखनऊ आ गए थे और किसी कारखाने में कार्य करते थे, मुझे इस बात की भी जानकारी दी गई कि वह पहले कम्युनिस्ट पार्टी के प्राथमिक सदस्य थे लेकिन जब उन्होंने देखा कि वामपंथी विचारधारा के लोग अंग्रेजों के खिलाफ जो जंग हो रही थी उसमें भाग लेने से मना किया तो वामपंथी विचारधारा को छोड़कर दूसरी पार्टी ज्वाइन की।

कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी ज्वाइन की। वह स्वभाव और व्यावहारिकता से समाजवादी थे। उन्होंने अलग यूनियन भी मनाई और 1960 की हड़ताल में भी भाग लिया और हड़ताल में भाग लेने के कारण उन्हें बर्खास्त भी किया गया था ।

वह 12/ 14 वर्ष बाहर रहे लेकिन तब भी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कार्य करते रहे और बाद में समझौते के बाद उन्हें पुनः सेवा में लिया गया। 1979 में उन्होंने अपनी सेवा से त्यागपत्र दिया। मैं मानता हूं कि भारतीय रेल जैसे संगठित क्षेत्र के कर्मचारी का नेतृत्व वह जिस तरीके और सालीके से करते थे वह बेजोड़ माना जाता था।

उन्होंने सिर्फ रेलवे कर्मचारियों के लिए ही कार्य नहीं किया बल्कि अपने जीवन में और संगठन, क्षेत्रों के लिए भी वाजपेई जी ने भरपूर कार्य किया। उन्होंने अलग से यूनियन बनाई नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन , जो आज भी है। वाजपेई जी उसके बहुत ही प्रमुख और शिखर के नेता थे।

जो हरदोई में रहते थे लेकिन अधिकतर समय उन्होंने लखनऊ में बिताया। मेरा मानना है कि कुछ लोग सिर्फ अपने लिए जीते हैं लेकिन कुछ लोग अपनी पूरी जिंदगी समाज के लिए ही जीते हैं और स्वर्गीय टीएन वाजपेई ऐसे ही कुछ लोगों में से हैं। सारी जिंदगी उन्होंने कर्मचारियों के लिए ,मजदूरों के लिए लगा दी।

इस समय हमारी सरकार ने भी समाज के अंतिम छोर पर बैठे पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए और वंचित लोगों के लिए बहुत सारी योजनाएं सरकार ने लागू किया है मैं पुनः उन योजनाओं की चर्चा यहां नहीं करूंगा। आपकी भी समस्याओं के बारे में शिव गोपाल मिश्रा हमसे चर्चा करते रहते हैं।

समस्याएं हैं और उनका समाधान अवश्य निकलेगा और मुझे भी जो मदद होगी मैं अवश्य करूंगा। इस क्षेत्र के विकास के लिए भी बहुत कार्य हुए हैं अवध चौराहे पर अंडरपास के कार्य का शिलान्यास भी कर दिया है।

आलमबाग में पांच वार्डो में बाबू कुंज बिहारी वार्ड ,ओमकार वार्ड गीतांजलि वार्ड, गुरु गोविंद सिंह वार्ड और गुरु नानक वार्ड में निशुल्क सीवर हाउस कनेक्शन कार्य का शुभारंभ भी कल उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक द्वारा होगा।

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश का कद बहुत ऊंचा हुआ है आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत बोलता है तो पूरी दुनिया कान खोलकर सुनती है कि भारत क्या बोल रहा है।

यही हमारा भारत दुनिया के देशों में अर्थव्यवस्था आकर पर 11 स्थान पर था आज दुनिया के पांचवें स्थान पर आकर खड़ा हो गया है, और बड़े-बड़े अर्थशास्त्री और हायली रिप्यूट फाइनेंशियल फॉर्म्स कह रहे हैं कि वह दिन दूर नहीं की 2027 होते-होते इकोनॉमी की साइज अर्थव्यवस्था के आकार के मामले में दुनिया की टॉप थ्री कंट्रीज में आकर खड़ा होगा।

वह दिन भी दूर नहीं है जब आर्थिक दृष्टि से भी सुपर पावर बनकर खड़ा होगा। रूस और यूक्रेन की लड़ाई चल रही है 2 वर्षों से पहले जब युद्ध आरंभ हुआ था।

यूक्रेन में वहां रहने वाले 25/ 26 हजार बच्चे वहां के मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे प्रधानमंत्री की अपील पर 4 घंटे के लिए युद्ध रोक कर हमारे देश के छात्रों को वापस सुरक्षित भेजने का कार्य हुआ।

प्रधानमंत्री के आवाहन पर हमारा योग भी आज पूरे विश्व में पहचान बन चुका है। अन्य विषयों पर ज्यादा चर्चा ना करते हुए आज में स्वर्गीय टीएन वाजपेई को मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि रेल परिवार को इस बात का भरोसा दिलाता हूं कि आप सबके हितों के लिए और कार्यों के लिए राज्य सरकार आपके साथ खड़ी है। शिव गोपाल मिश्रा सदैव संघर्षों के लिए आगे बढ़कर कार्य करते हैं और जो भी संभव होगा वह किया जाएगा।

लखनऊ में अनेक असंभव कार्यों को भी रक्षा मंत्री ने पूरा करके दिखाया है। अब हमारी बारी है कि रक्षा मंत्री जी के साथ खड़ा होकर अपने सांसद को विपक्षियों की जमानत जब्त कर कर बड़ी ऐतिहासिक जीत के साथ जीताने का कार्य करना है।

मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग ने बताया कि कार्यक्रम में रेलवे कर्मचारी यूनियन की ओर से मवैया स्टेशन का नाम बदलकर टीएन बाजपेई के नाम पर करने का प्रस्ताव भी रखा गया।

कार्यक्रम को महापौर सुषमा खर्कवाल और रेलवे कर्मचारी यूनियन के पदाधिकारी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी महापौर सुषमा खर्कवाल, एमएलसी मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान और क्षेत्रीय पार्षद गढ़ व कार्यकर्ता के साथ बड़ी संख्या में रेलवे कर्मचारी उपस्थित रहे।