अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, आदिवासी युवक पर पेशाब करके प्रवेश शुक्ला ने पूरे देश को किया शर्मसार

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा आदिवासी युवक पर जो घृणास्पद कार्य किया गया है, इसके आरोपी प्रवेश शुक्ला की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद, स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार को उसके पिता के घर का एक हिस्सा ध्वस्त कर दिया। हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद से ही लगातार सियासी बयानबाजी चल रही है। अब इस मामले पर अखिलेश यादव ने अपना बयान दिया है।

सपा प्रमुख ने कहा, “मध्य प्रदेश के सीधी जिले में भाजपा के सदस्य द्वारा आदिवासी युवक पर जो दानवीय और घृणास्पद कार्य किया गया है, वह शोषित और दलित समाज को कई सदियों से उत्पीड़ित करने के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय है। क्या यही है भाजपा के 18 साल के शासन की उपलब्धि?आपको बता दे, बीते दिन मंगलवार को यह पेशाब करने की घटना का वीडियो सामने आया था। इसके बाद विपक्षी दलों ने राज्य सरकार से मांग की थी कि उन्हें पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

कांग्रेस ने इससे पहले दावा किया कि पेशाब करने का आरोपी प्रवेश शुक्ला भाजपा से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, इंदौर के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन भी हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने सूबे में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर लगातार अत्याचार करने का आरोप लगाया है और तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी की।

इस प्रदर्शन का आह्वान अखिल भारतीय बलाई महासंघ ने किया था। महासंघ के अध्यक्ष मनोज परमार ने संवाददाताओं को कहा, “सीधी जिले में आदिवासी युवक पर पेशाब करके प्रवेश शुक्ला ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हो सके तो उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि सूबे में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोग आज भी जातिगत भेदभाव के कारण अत्याचार का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस द्वारा किए गए दावे के बाद से ही इस विषय पर सामरिक चर्चाएं चल रहे हैं। अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर अपने विचार व्यक्त किए हैं।

आपको बता दे, यह घटना मध्य प्रदेश के सीधी जिले में हुई, जहां भाजपा के 18 साल के शासन को लेकर अखिलेश यादव ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “यह घटना उत्पीड़न के इतिहास का एक और शर्मनाक अध्याय है, जो सदियों से शोषित-दलित समाज पर हो रहे उत्पीड़न का परिणाम है। आपको बता दे, अखिल भारतीय बलाई महासंघ ने भी इस घटना पर अपनी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि, प्रवेश शुक्ला को कठोर सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आदिवासी युवक पर पेशाब करने के आरोप में प्रवेश शुक्ला ने देश की छवि पर कलंक लगा दिया है। उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए, और यदि संभव हो सके तो उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए।

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