पंजाब के चुनावी महासंग्राम से पहले अकाली दल ने किया बड़ा ऐलान, चली नई सियासी चाल

पंजाब में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी शिरोमणि अकाली दल ने गुरूवार को बड़ी घोषणा कर नई सियासी चाल चली है। दरअसल, मायावती नीत बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर इस चुनाव में शिकरत करने वाली अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ऐलान किया है कि एक बार सत्ता में आने के बाद शिरोमणी अकाली दल-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में उपमुख्यमंत्री के रूप में हिंदू तथा दलित दो उपमुख्यमंत्री बनाएगा।

अकाली दल के अध्यक्ष ने किया प्रकाश सिंह बादल का जिक्र

अकाली दल ने कहा कि यह गठजोड़ सरकार सही मायने में समग्र पंजाबी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करेगी तथा पांच बार मुख्यमंत्री सरदार प्रकाश सिंह बादल के आदर्शों एकता, शांति तथा साम्प्रदायिक सौहार्द का प्रतीक होगी।

गुरुवार शाम की कोर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि हम समझते हैं कि कुछ बाहरी ताकतें पंजाब की शांति को भंग करना चाहती हैं। हम पंजाबियों को गारंटी देना चाहते हैं कि सरदार प्रकाश सिंह बादल की नीतियों का पालन करते रहेंगे, जिसके तहत सभी धर्मों का सम्मान किया गया तथा सम्मान बरकरार रहेगा। हम सभी समुदायों को साथ रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसी को ध्यान में रखते हुए अकाली दल ने पंजाब में सत्ता में आने के बाद एक डिप्टी सीएम हिंदू समुदाय से रखने का फैसला किया है।

बादल ने कहा कि अगली अकाली दल-बसपा गठबंधन वाली सरकार में दो डिप्टी सीएम होंगे, क्योंकि उन्होंने पहले डाॅ। भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर घोषणा की थी कि शिरोमणी अकाली दल एक बार सत्ता में आने के बाद एक दलित को डिप्टी सीएम बनाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में अन्य राज्यों की तुलना में दलितों की आबादी सबसे अधिक है तथा यह महसूस किया कि उनके हितों की रक्षा के लिए अधिक कोशिशें की जानी चाहिए। पहले भी शिरोमणी अकाली दल की सरकार के समय दलित समुदाय के कल्याण को हमेशा लाभ दिया गया।

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि दो उप-मुख्यमंत्री रखने का फैसला महान गुरु साहिबानों की समृद्ध विरासत से सरबत का भला के माध्यम से हमें सौंपा है, यह उन मजबूत भावनात्मक बंधनों का भी प्रतीक है, जो विभिन्न समुदायों को एक साथ बांधते हैं। इसके अलावा पार्टी मानवीय गरिमा और समानता के आधार पर पूर्ण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, और पंजाब के भावनात्मक सामाजिक ताने-बाने को ठीक करने के लिए प्रतिबद्ध है , जो फूट डालो तथा राज करो जैसी साजिशों से बिखर गई है।

सुखबीर सिंह बादल ने यह भी घोषणा की कि आगामी संसद सत्र में शिरोमणी अकाली दल तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश करेगा। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे खारिज प्रस्ताव का समर्थन कर इस प्रयास में अकाली दल का सहयोग करें तथा यहां तक कि हस्ताक्षर भी करें ताकि इस पर चर्चा की जा सके। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी सभी शिकायतों का समाधान नहीं हो जाता तब तक शिरोमणी अकाली दल किसानों के हकों के लिए आवाज उठाता रहेगा।

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संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी सार्वजनिक व्हिप के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पूरे देश को इस बात की जानकारी थी कि अगर किसी भी पार्टी ने तीनों कानूनों के खिलाफ मतदान किया था तो वह शिरोमणी अकाली दल ही थी। उन्होंने कहा कि तब भी किसान संगठनों ने राजनीतिक दलों से सार्वजनिक अपील की थी कि वे संसदीय कार्यवाही का बहिष्कार न करें और इसके बजाय काले कानूनों के खिलाफ मतदान करें। बादल ने कहा कि इसके बावजूद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कार्यवाही का बहिष्कार किया तथा इन कानूनों के खिलाफ मतदान न करके इनके समर्थन में मतदान किया।