पत्रकारों से बातचीत कर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कानपुर के ठगे हुए लड्डू की तरह ही बीजेपी भी वह पार्टी है।
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी देने के मामले में भी कुछ ऐसा ही हाल है। यह साल 2039 से पहले लागू नहीं होगा। बीजेपी गलत बयान-बाजी कर रही है। जब जनगणना होगी फिर इस पर कार्य शुरू होगा। ऐसे में यह साल 2039 से पहले लागू होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी सही में महिलाओं को आरक्षण देना चाहती है तो इसे साल 2024 के चुनाव में ही लागू कर रही है। अदाणी घोटाला जब सामने आता है तो बीजेपी कोई न कोई नया मुद्दा उठाती है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना जल्द से जल्द होनी चाहिए। सरकार संविधान के प्रावधान के मुताबिक महिला आरक्षण बिल को अपनाएं। कांग्रेस ने समर्थन इसलिए किया क्योंकि वो आधी आबादी की समर्थक है। यह बिल पहले राजीव गांधी लेकर आए थे लेकिन उस समय बीजेपी ने इसका पूर्ण विरोध किया था। सुप्रिया ने कहा कि अफसरों की तैनाती में खेल हो रहा है इसलिए भी जनगणना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सांसद आखिर लखीमपुर खीरी कांड पर चुप क्यों हो गई? मणिपुर पर भी चुप रही। बीजेपी की महिला सांसदों की चुप्पी सवाल खड़े करती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो महिला आरक्षण विधेयक तत्काल लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में इंडिया गठबंधन की धुरी कांग्रेस है लेकिन समन्वय हर स्तर पर होगा। समय आएगा तो सीट तय हो जाएगी।