उत्तराखंड के चमोली जिले के थराली में रात्रि से शुरू हुई तेज बारिश ने सोल घाटी के ऊपरी क्षेत्रों में एक अद्वितीय दृश्य देखा गया। ब्रह्मताल, सुपताल, और भेकल ताल क्षेत्र में बादलों के फटने से और बादलों की तेज गर्जना से पहाड़ के पहाड़ बहकर प्राणमति नदी में आ गए। जिससे नदी बहुत ही विकराल रूप से बहने लगी।
5 किलोमीटर से भी आगे सुनाई दी बादलों की गर्जन
आपको बता दे, नदी के साथ बड़े बोल्डर और अनगिनत पेड़-पौधों की बहाव की धारा दृश्य को और भी भयानक बना दिया। इस भारी बारिश की तेज गर्जन पांच किलोमीटर से भी आगे सुनाई दी, जिससे कि उन जनपदों के निवासियों को अपने घरों से किसी सुरक्षित जगह पर जाने की सलाह दी गयी। जानकारी के मुताबिक, स्थानीय तहसील और पुलिस अधिकारियों ने जनता की सुरक्षा के लिए कुछ अव्यावसायिक कदम उठाये गए और उन्हें नदी के किनारे से किसी दूर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। इसी के साथ थराली गांव में पिंडर नदी के किनारे बसे लोगों ने ग्वालदम थराली तिराहा और नासिर बाजार में अपने लिए सुरक्षित स्थान ढूंढा।
5000 लोगों से टूटा संपर्क
इस प्रकार, गुरुवार की रात को थराली और सुना गांव में नदी के बढ़ते पानी ने पुलों को बहा दिया, जिससे लगभग 5000 लोगों का संपर्क टूट गया। तहसील और पुलिस प्रशासन की टीम ने रात भर सायरन और संदेशों के माध्यम से लोगों को अवगत कराया और सतर्क रहने की सलाह दी गई। बादलों के फटने से रतगांव, ढाडर बगड़, और देवकुना गांव में भी विपदाएं आई। दूसरी ओर, बुल्लावाला सुसवा नदी के पुल के प्रांगण रास्ते का एक हिस्सा बरसात के जलस्राव से प्रभावित हो गया है। रात की भारी बारिश ने एक बार फिर इस पुल को भयावह तरीके से प्रभावित किया।