जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ सालों के मुकाबले बीते साल 2022 में आतंकी घटनाओं में कमी देखी गई है. केन्द्र शासित प्रदेश में कुल 125 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं 2022 के दौरान घाटी में सुरक्षा बलों ने अलग अलग मुठभेड़ में 187 आतंकियों को भी मार गिराया है. यही नहीं पिछले 5 वर्षों की तुलना में आतंकियों की गिरफ्तारी के आंकड़े भी हल्के बढ़े हैं. गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में ये जानकारी साझा की है.
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि जम्मू कश्मीर में साल 2022 में सुरक्षाबलों को भारी सफलता मिली है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2022 में जम्मू कश्मीर में 125 आतंकी घटनाएं दर्ज की गईं. वहीं साल 2018, 19, 20 और 2021 में क्रमश: 228, 153, 126 और 129 आतंकी घटनाएं सामने आई थी. सुरक्षाबलों ने साल 2022 में कुल 111 आतंकवाद-रोधी अभियान चलाए जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा हैं.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में हुई 117 मुठभेड़ में कुल 187 आतंकी ढेर किए गए हैं. वहीं 2018, 19, 20 और 2021 में क्रमश: 257, 157, 221 और 180 आतंकी मारे गए थे. जानकारी के मुताबिक पिछले सालों की तुलना में आतंकियों की गिरफ्तारी में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है. साल 2022 में सुरक्षाकर्मियों ने 24 आतंकियों को गिरफ्तार किया था. जबकि 2018, 19, 20 और 2021 में क्रमश: 17, 20, 21 और 17 आतंकी गिरफ्तार किए गए थे. इसके अलावा बीते साल 2022 में 31 सुरक्षाकर्मी और 30 आम नागरिकों ने भी अपनी जान गंवाई है.
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू कश्मीर में ग्राम रक्षा समूहों का गठन भी किया गया है. ग्राम रक्षा समूहों (वीडीजी) की मौजूदा स्वीकृत संख्या 4985 है, जिनमें से 4153 वीडीजी गठित किए जा चुके हैं. गृह मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि प्रत्येक वीडीजी में अधिकतम 15 सदस्य होंगे. वहीं अति संवेदनशील क्षेत्रों में वीडीजी का नेतृत्व करने और उनके साथ समन्वय करने वाले व्यक्तियों को 4500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे और स्वेच्छिक आधार पर बने वीडीजी सदस्यों को समान दर से 4000 रुपये प्रदान किए जाएंगे.
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गृह मंत्रालय ने ये भी बताया कि सीआरपीएफ ने 06-01-2023 से 25-01-2023 तक राजौरी जिला पुलिस के सहयोग से 948 ग्राम रक्षा गार्ड सदस्यों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया है.