केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने शिवसेना में विभाजन के लिए शिवसेना सांसद संजय राउत को दोषी ठहराया है और कहा है कि राउत के कहने पर ही उद्धव ठाकरे ने एनसीपी के साथ गठबंधन किया था। एएनआई से बात करते हुए, अठावले ने कहा, ‘यह शरद पवार नहीं बल्कि संजय राउत थे जिन्होंने शिवसेना को तोड़ा। उद्धव ठाकरे ने संजय राउत के कहने पर ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ जाने का फैसला किया था।’
अठावले ने कही ये बात
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर शिवसेना और राकांपा एक साथ नहीं आते तो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और शिवसेना की सरकारें महाराष्ट्र में आ जातीं। अठावले ने कहा, ‘महा विकास अघाड़ी कभी नहीं बनती अगर शिवसेना और राकांपा एक साथ नहीं आते और इसलिए महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की सरकार होती।’ इससे पहले, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रामदास कदम ने आरोप लगाया कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने शिवसेना पार्टी को तोड़ा और कहा कि शरद पवार ने पार्टी को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया है।
रामदास कदम ने शिंदे को दिया धन्यवाद
कदम ने कहा, ‘यह हम में से किसी को भी मंजूर नहीं था कि शिवसेना प्रमुख का बेटा राकांपा और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ बैठे। अगर एकनाथ शिंदे ने यह कदम नहीं उठाया होता तो शिवसेना के पास 10 विधायक भी नहीं होते।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने पार्टी में 52 साल काम किया और अंत में मुझे निकाल दिया गया। मैं एकनाथ शिंदे के साथ आए हुए विधायकों को धन्यवाद दूंगा।’
सोनिया गांधी से आज ईडी की पूछताछ, कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर बीजेपी ने कसा तंज
राहुल शेवाले का बयान
इस बीच राहुल शेवाले ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन के लिए तैयार थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक एक घंटे तक चली लेकिन शिवसेना के कुछ विधायकों के गतिरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने यह कहा था कि यह बालासाहेब उद्धव ठाकरे के फैसले के खिलाफ है। अगर शुरू में उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ आते और उपमुख्यमंत्री का पद लेते, कोई गतिरोध नहीं होता।’