पांच राज्यों समेत उत्तराखंड में 10 मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने हैं (Uttarakhand Assembly Election Result). ऐसे में तमाम दलों के बीच बैठकों और चर्चाओं का दौर और तेज हो गया है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ऑब्जर्वर कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya), बीजेपी के चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी (Prahlad Joshi) रविवार को राजधानी देहरादून पहुंचे और आज सोमवार को मतगणना को लेकर भाजपा की महत्वपूर्ण बैठक हुई है. मतगणना से पहले यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. BJP के पार्टी आलानेताओं के पहुंचने के साथ ही कांग्रेस में भी खलबली मची है.
वहीं आजतक की खबर के मुताबिक सुत्रों कहा कहना है कि चुनाव के नतीजों से पहले बीजेपी ने तीन प्लान तैयार कर लिए हैं. इसमें A, B और C तीन फॉर्मूलों पर पार्टी काम करेगी. प्लान A के मुताबिक बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलने पर वह बिना किसी अन्य दल का समर्थन लिए सरकार बनाएगी. प्लान B में पूर्ण बहुमत से दूर रहने औप बड़े दल के रूप में उभरमे पर पार्टी के बड़े नेताओं की भूमिका अहम होगी और निर्दलीयों को साधने की जिम्मेदारी उनकी होगी.
बराबरी का मुकाबला रहने पर बड़े नेता करेंगे रणनीति पर काम
प्लान C, मुकाबला बराबरी का रहा तो या एक दो सीट का अंतर रहा तो बड़े नेता इस रणनीति पर काम करेंगे कि कैसे सत्ता में पार्टी की वापसी करवाई जा सके. वहीं आज हुई पार्टी की बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के अलावा प्रदेश के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद हैं. चुनाव परिणाम से पहले होने वाली यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है.
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विजयवर्गीय ने सबसे पहले की रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात
इससे पहले रविवार को देहरादून पहुंचे कैलाश विजयवर्गीय ने सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की. इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ बैठक की. इधर विजयवर्गीय के उत्तराखंड पहुंचने पर विपक्ष में भी खलबली मची है. कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय का नाम लिए बिना कहा कि बीजेपी के निवर्तमान विधायक की एक सार्वजनिक स्वीकारोक्ति अत्यधिक शर्मनाक है. उन्होंने दावा किया है कि दूसरी पार्टियों के निर्वाचित होने की प्रतीक्षारत उम्मीदवारों से उनकी पार्टी द्वारा संपर्क साध लिया गया है, तो निर्वाचन से पहले ही दलबदल करवाने की यह घोषणा लोकतंत्र के लिए एक बड़ी भारी चेतावनी है. इतनी ही बड़ी चेतावनी है विधायक खरीदो अभियान के एक सिद्धहस्त भाजपाई नेता का उत्तराखंड आगमन.