चारधाम यात्रा के लिए 69217 ई-पास जारी, अब तक छह हजार तीर्थयात्री पहुंचे चारों धाम

गोपेश्वर। देवस्थानम बोर्ड ने अब तक चारधाम यात्रा के लिए 69,217 ई-पास जारी किए हैं। चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू हुई है। अब तक छह हजार से अधिक तीर्थयात्री चारों धाम के दर्शन कर चुके हैं। कोरोना काल में बंद चारधाम यात्रा के शुरू होने से श्री बदरीनाथ, श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री और श्री यमुनोत्री धाम में रौनक लौट आई है। यह जानकारी गढ़वाल आयुक्त एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने दी।

उन्होंने बताया कि श्री केदारनाथ धाम में प्रतिदिन आठ सौ, बदरीनाथ धाम में एक हजार, गंगोत्री में छह सौ, यमनोत्री धाम में चार सौ श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है। उत्तराखंड से बाहर के श्रृद्धालुओं के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीयन शुरू है। प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीन की डबल डोज लगी होने का सर्टिफिकेट जमा कराना जरूरी है। उत्तराखंड प्रदेश के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि 20 सितम्बर और 21 सितम्बर को श्री बदरीनाथ धाम के लिए 8237, श्री केदारनाथ के लिए 1435, श्री गंगोत्री 5750 तथा यमुनोत्री के लिए 1981 ई- पास जारी हुए। अब तक कुल 69217 ई पास जारी हुए हैं। मंगलवार को श्री बदरीनाथ धाम के लिए 24226, केदारनाथ के लिए 23125, गंगोत्री के लिए 13456 और यमुनोत्री के लिए 8410 ई-पास जारी किए गए। चारों धामों में मंगलवार अपराह्न तक 1316 तीर्थ यात्री पहुंचे। आज श्री बदरीनाथ धाम के 445, श्री केदारनाथ धाम के 429, श्री गंगोत्री के 158 तथा यमुनोत्री धाम के 284 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए।

देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि चारधाम के अलावा द्वितीय केदार रुद्रनाथ, तृतीय केदार तुंगनाथ, चतुर्थ केदार रुद्रनाथ एवं पंच बदरी योग बदरी पांडुकेश्वर, ध्यान बदरी उर्गम, भविष्य बदरी सुभाई ( जोशीमठ) वृद्ध बदरी अणीमठ सहित देवस्थानम बोर्ड के अधीनस्थ मंदिरों में भी 700 से अधिक तीर्थ यात्री पहुंचे। गोविंद घाट गुरुद्वारा से सरदार सेवा सिंह ने देवस्थानम बोर्ड को बताया कि पवित्र गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब/लोकपाल तीर्थ के लिए मंगलवार को 146 श्रद्धालु माथा टेकने पहुंचे।